Chhattisgarh: पत्नी की गला दबाकर की हत्या, फिर फांसी से लटकाया, हत्यारे पति को आजीवन कारावास
Chhattisgarh Crime: पत्नी की हत्या कर उसे आत्महत्या का स्वरूप दिखाने वाले आरोपी पति को हत्या के दोषसिद्ध अपराध में आजीवन कारावास दिया गया है. यह फैसला द्वितीय न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने पारित किया.
Sakti News: पत्नी की हत्या कर उसे आत्महत्या का स्वरूप दिखाने वाले आरोपी पति को हत्या के दोषसिद्ध अपराध में आजीवन कारावास दिया गया है. यह फैसला द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने 13 दिसंबर को ने पारित किया. आरोपी को धारा 302 भादंवि के अपराध में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थ दण्ड से तथा धारा 201 भादंवि के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थ दण्ड से दंडित किया है.
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सक्ती के एजीपी ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम छिर्राडीह थाना जैजैपुर निवासी जगेश्वर कर्ष ने 22 सितंबर 2021 को थाना जैजैपुर आकर रिपोर्ट दर्ज करवाया कि उसकी बहू पुष्पा कर्ष पति दिलहरण ग्राम छिर्राडीह के मंझोत खार में परसा पेड़ में फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली है. उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना जैजैपुर में मार्ग क्रमांक 41/2021 लिखा गया. लाश का पंचनामा तैयार कर डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम किया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतिका की मृत्यु गला दबाकर हत्या करना बताए जाने पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 302 भादंवि का केस दर्ज किया गया तथा 23 दिसंबर 2022 को मृतका के पति दिलहरण से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर स्वयं के द्वारा हत्या करना स्वीकार किए जाने पर उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया तथा अपराध क्रमांक 39/ 22 धारा 302 भादंवि के तहत प्रथम सूचना पत्र लिखा गया. संपूर्ण जांच पश्चात अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जैजैपुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. उपार्पण पश्चात यह प्रकरण न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सक्ती के समक्ष चला.
शासन की ओर से यह बताया गया कि सभी गवाहों ने अपराध संदेश से परे प्रमाणित किया है. आरोपी द्वारा क्रूरता पूर्वक अपनी पत्नी को जान से मारने के बाद उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया है. दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायालय ने 13 दिसंबर को फैसला सुनाते हुए आरोपी को धारा 302 भादंवि के अपराध में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थ दण्ड से तथा धारा 201 भादंवि के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थ दण्ड से दंडित किया है. छ.ग. शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता, अपर लोक अभियोजक दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी किया.
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