Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Sarguja) जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जन्मी जुड़वा बेटियों में से एक की मौत हो गई. बच्ची की मौत के समय उसके माता-पिता अस्पताल में मौजूद नहीं थे. गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण पैसों का इंतजाम करने के लिए एक बेटी को लेकर अपने गांव चले गए. इसी बीच अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में उनकी दूसरी नवजात बेटी ने दम तोड़ दिया. जब बेटी की मौत की सूचना माता-पिता को मिला, तो धान और महुआ बेचकर अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) अस्पताल पहुंचे. जहां पुलिस ने परिजनों को लाश सुपुर्द कर दिया.


महिला ने दिया दो जुड़वां बेटियों को जन्म


दरअसल, बलरामपुर जिले के विजय नगर चौकी अंतर्गत ग्राम चांकी निवासी गायत्री गुप्ता को प्रसव पीड़ा होने पर 19 मई को रामानुजगंज स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. यहां से जांच के बाद 20 मई को बलरामपुर लेकर गए थे. इसके बाद बलरामपुर से अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया. स्वजनों के साथ प्रसूता अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची. जहां महिला ने 22 मई को दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया.


 गरीबी और आर्थिक तंगी के चलते नवजात की मौत
 
जन्म के बाद एक बच्ची का वजन कम होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे एसएनसीयू वार्ड में रखा था. जबकि दूसरी बच्ची मां के साथ थी. इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के पास पैसे खत्म हो चूके थे. रुपये नहीं होने के कारण उन्हें दिक्कत हो रही थी. इसे देखते हुए वे एक बच्ची को लेकर अपने गृहग्राम चांकी आ गए थे. एक बच्चे को एसएनसीयू में चिकित्सक अपनी निगरानी में रखे थे. उसका उपचार चल रहा था. यहां नवजात की 26 मई को मौत हो गई. स्वजनों की गैर मौजूदगी को देखते हुए इसकी सूचना अस्पताल के पुलिस सहायता केंद्र को दी गई. जिसपर पुलिस ने नवजात के शव को मर्च्युरी में रखवा दिया.


पुलिस ने नवजात के परिजनों से की संपर्क करने की कोशिश


दो दिन से बच्ची के परिजनों के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने के प्रयास में पुलिस लगी थी. कई बार प्रयास करने के बाद भी नवजात के परिजनों के मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो पाया. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी ने विजय नगर चौकी प्रभारी से संपर्क कर इसकी जानकारी दी. इस पर चौकी प्रभारी द्वारा नवजात को छोड़कर जाने वाले दंपति का पता लगाया गया और उन्हें अस्पताल में छोड़ें गए नवजात शिशु के मृत होने की जानकारी देकर बच्चे के शव को लेकर कफन दफन करने की समझाइश दी गई. पुलिस की समझाइश के बाद परिजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और बच्चे के शव को लेकर रवाना हो गए.


धान और महुआ  बेचकर चुकाया अस्पताल का बिल


मृत बच्ची के पिता रविंद्र गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी ने 22 मई को जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया था. एक बच्ची का वजन काफी कम था. इसलिए उसे अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर लिया गया था. रुपये नहीं होने के कारण उन्हें दिक्कत हो रही थी. इसे देखते हुए वे एक बच्ची को लेकर गृहग्राम वापस लौटा आए थे. यहाँ आने के बाद एक क्विंटल धान और 50 किलो महुआ बेचकर रुपये की व्यवस्था की. इस बीच उन्हें सूचना मिली कि अस्पताल में भर्ती बच्ची की मौत हो गई है.


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