दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम पंचायत अरसनारा में महिलाएं सब्जी और फूलों की खेती कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. खेती में कुछ हजार की लागत लगाकर महिलाएं लाखों की कमाई कर रही हैं. हॉर्टिकल्चर विभाग ने 3 हजार गेंदे के पौधे, प्याज, भिंडी, लौकी और बैंगन के बीज पर नगद अनुदान दिया. खेती करने वाली महिलाओं को हॉर्टिकल्चर विभाग से अनुदान के साथ समय-समय पर तकनीकी सहायता के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन और सहयोग भी दिया जा रहा है. भगवती स्व-सहायता समूह एवं जय मां संतोषी स्व-सहायता समूह की महिलाएं खुद काम कर लाभ कमा रही है. 


90 हजार खर्च कर डेढ़ लाख का मुनाफा
समूह द्वारा अब तक 90 हजार रुपये खर्च कर कुल 100 क्विटंल सब्जी उत्पादन किया जा चुका है. इसे बेच कर 2 लाख 35 हजार रुपये की कमाई हुई थी. इसमें समूह को करीब डेढ़ लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है. आज यहां की महिलाएं ग्रामीण स्तर पर एनजीजीबी योजना से लोकल मार्केट में सब्जी बेच कर कमाई कर रही है.


फूलों से भी हो रही कमाई
गेंदे के फूलों की खेती कर भी महिलाएं अच्छी-खासी कमाई कर रही हैं. गेंदे के फूल की खेती से प्रतिदिन 40-50 किलो फूलों का उत्पादन किया जाता है. समूह की महिलाओं को 600-800 रुपये रोजाना की इनकम हो रही है. अंकेश साहू ने बताया गया कि गेंदे के पौधों में 35-40 दिनों में फूलों का आना शुरू हो जाता है. 3-4 महीनों के पौधों में लगातार फूल आते हैं.


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