देश की नवरत्न कंपनी में से एक एनएमडीसी और छत्तीसगढ़ सरकार के बस्तर वन विभाग के अमले के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दरअसल दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल बचेली में मौजूद NMDC के आयरन ओर प्लांट में वन विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए मालगाड़ी में आयरन ओर की लोडिंग का कार्य रोक दिया, जानकारी के मुताबिक एनएमडीसी पर वन विभाग के 144 करोड़ रुपए खनिज परिवहन पास अनुज्ञा शुल्क (रॉयल्टी )बकाया है.


जिसे देने में एनएमडीसी प्रबंधन काफी महीनों से आनाकानी कर रहा है जिसके चलते बस्तर के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद के आदेश पर वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को यह कार्रवाई की.  बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई से एनएमडीसी प्रबंधन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं पहली बार जब राज्य सरकार की तरफ से वन विभाग ने सीधे NMDC पर इस तरह की कार्रवाई की है.


एनएमडीसी के कई प्लांट पर वन अमले ने की कार्रवाई


जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को वन विभाग का अमला एनएमडीसी के आयरन ओर प्लांट पर सख्त कार्यवाही करता नजर आया, वन विभाग ने एनएमडीसी को ट्रांजिट पास  देने से मना कर दिया. इस वजह से बचेली और किरंदुल में आयरन ओर की सप्लाई बंद हो गई और दो जगह ट्रेन के वैगन जो आयरन ओर से भरे है वह ट्रांजिट पास नहीं देने से रेलवे ट्रैक पर खड़े हो गए हैं. बताया जा रहा NMDC को रेलवे को भी करोड़ों का हर्जाना देना होगा. साथ ही जिन कंपनियों को आयरन ओर पहुंचाने में जो देरी होगी उसकी भी कीमत एनएमडीसी को चुकानी पड़ेगी.


सबसे पहले वन विभाग ने लोडिंग यूनिट में पहुंचकर काम बंद करवा दिया और मालगाड़ी में लोड हो रहे आयरन ओर को गाड़ी में लोड होने नहीं दिया गया और एनएमडीसी पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए उनके पास रखे 4 ट्रांजिट पास बुक को भी जब्त कर लिया. वन अमले के इस कार्रवाई से एनएमडीसी में हड़कंप मच गया. वहीं वन विभाग के अमले ने एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के लोडिंग प्लांट में भी पहुंचकर कार्यवाही की.


बस्तर वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने बताया कि एनएमडीसी पर 144 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का बकाया है, लेकिन एनएमडीसी प्रबंधन यह राशि देने में काफी महीनों से टालमटोल कर रहा है. इसी वजह से आयरन ओर सप्लाई के लिए वन विभाग ने एनएमडीसी को टीपी देने से मना कर दिया है.


नहीं चुकाया रकम तो होगी आरसीसी जारी


बस्तर मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद  ने कहा कि अब एनएमडीसी प्रबंधन को जल्द से जल्द रॉयल्टी की बकाया राशि जमा करनी होगी, वरना एनएमडीसी के खिलाफ आरसीसी भी जारी की जा सकती है ,इधर अब तक रॉयल्टी की रकम वन विभाग को नहीं चुकाने  के कारणों का पता नहीं चल सका है, वहीं एनएमडीसी से भी किसी जिम्मेदार अधिकारी का कोई बयान सामने नहीं आ सका है.


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