Jashpur: फरसाबहार ब्लॉक मुख्यालय में नहीं हिंदी मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल, 10 किमी दूर जाने को मजबूर छात्र
Chhattisgarh News: विकासखंड के बच्चे कई किलोमीटर का सफर तय कर पंडरीपानी पढ़ाई के लिए जाते हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय विधायकों से कई बार कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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Jashpur Latest News: छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर को सुधारने के भले ही लाख दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत ये है कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जो काम किए जाने चाहिए, वो काम धरातल पर हो ही नहीं रहे हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का नागलोक कहे जाने वाले जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखण्ड मुख्यालय (Farsabahar Block Headquarters) में आज तक हायर सेकेंडरी स्कूल (Higher Secondary School) नहीं खुल पाया है. विकासखण्ड मुख्यालय में निवासरत स्कूली बच्चे 11वीं और 12वीं की पढ़ाई करने कई किलोमीटर का सफर तय कर दूसरे गांव जा रहे हैं.
आजादी के बाद से अब तक नहीं खुला स्कूल
जशपुर जिले का फरसाबहार विकासखण्ड नागलोक के नाम से जाना जाता है. ओडिशा राज्य की सीमा से लगा फरसाबहार विकासखण्ड मुख्यालय आज भी विकास से कोसों दूर है. ब्लॉक मुख्यालय में आजादी के बाद से अब तक एक हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं खुल पाया है. इसलिए फरसाबहार विकासखण्ड मुख्यालय एवं आसपास के कई गांवों के स्कूली बच्चे 11वीं और 12वीं की पढ़ाई करने 7 से 10 किलोमीटर तक का सफर तय करके पंडरीपानी जाते हैं. पंडरीपानी ग्राम पंचायत में सरकार इस कदर मेहरबान है कि वहां एक नहीं दो हायर सेकेंडरी स्कूल हैं,लेकिन फरसाबहार विकासखण्ड मुख्यालय में एक भी नहीं.
हिंदी मीडियम स्कूल की मांग कर रहे छात्र
एक साल पहले जब जिले के सभी विकासखण्डों में आत्मानंद स्कूल खोले जा रहे थे, तब फरसाबहार विकासखण्ड में भी एक अंग्रेजी माध्यम का हायर सेकेंडरी स्कूल भी खोला गया था, लेकिन ये हायर सेकेंडरी स्कूल हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो रहा है क्योंकि अब तक यहां के बच्चे हिंदी माध्यम में ही पढ़ाई करते आए हैं. स्कूली बच्चों, अभिभावकों एवं स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द ही यहां पर हिंदी माध्यम का हायर सेकेंडरी स्कूल खोला जाए. वहीं जिले के डीईओ स्कूल को लेकर गोलमोल जवाब दे रहे हैं
पढ़ाई के लिये 7-8 किमी दूर जाने को मजबूर बच्चे
फरसाबहार से पंडरीपानी में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई करने आने वाली छात्रा ने बताया कि फरसाबहार ब्लॉक मुख्यालय में हिंदी मीडियम का हायर सेकंडरी स्कूल नहीं हैं. इसलिए उन्हें दूर दूसरे गांव में जाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. ब्लॉक मुख्यालय में एक स्कूल होना चाहिए, ताकि नजदीक ने शिक्षा मिल सके. एक और छात्रा ने बताया कि वह बनगांव से पंडरीपानी में पढ़ाई करने आती है, जबकि ब्लॉक मुख्यालय फरसाबहार उनके गांव से नजदीक है, लेकिन वहां हायर सेकंडरी स्कूल नहीं है. अगर ब्लॉक मुख्यालय में हायर सेकंडरी स्कूल बन जायेगा तो उन्हें 7-8 किलोमीटर दूर पढ़ाई करने नहीं जाना पड़ेगा.
स्थानीय विधायक नहीं कर रहे सुनवाई
स्थानीय निवासी विनोद शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में शायद एकमात्र फरसाबहार विकासखंड है, जहां पर हायर एजुकेशन की कोई भी कक्षाएं नहीं है. 10वीं-12वीं के बच्चों को यहां से लगभग 5 किलोमीटर चलकर पंडरीपानी या खुडगांव जाना पड़ता है, जहां कुछ दिनों पहले हायर सेकंडरी की पढ़ाई शुरू कराई गई है.
अभिभावक व जनप्रतिनिधि दुर्योधन पटेल ने बताया कि यहां बच्चों के लिए बहुत दिक्कत है. ब्लॉक मुख्यालय होने के नाते बहुत दिनों ने हायर सेकंडरी स्कूल की मांग कर रहे हैं. यहां के बच्चे ब्लॉक मुख्यालय होते हुए ग्राम पंचायत में पढ़ने जाते हैं. इस मसले को लेकर स्थानीय विधायक को कई बार शिकायत दी गई है, लेकिन उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है.
क्या बोले जिलाधिकारी
वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद का कहना है कि फरसाबहार ब्लॉक मुख्यालय में हायर सेकंडरी स्कूल है. पुराना हायर सेकंडरी स्कूल स्वामी आत्मानंद विद्यालय में परिवर्तित हो गया है, और वहां इंग्लिश मीडियम के साथ-साथ हिंदी मीडियम की कक्षाएं भी चलती हैं. उन्होंने कहा कि पुराना हिंदी मीडियम स्कूल स्वामी आत्मानंद के नाम से आज भी चल रहा है.
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