Chhattisgarh Olympics Games: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पहली बार आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक गेम्स में बस्तर (Bastar) के ग्रामीण भी अपना दमखम दिखा रहे हैं. राजीव युवा मितान क्लब (Rajiv Yuva Mitan Club) की ओर से बस्तर जिले के सभी 7 ब्लॉक में आयोजित एकल, सामूहिक खेल प्रतियोगिता में गांव की महिला, बच्चे, बुजुर्ग सभी हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक गेम्स का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं इस खेल प्रतियोगिता में जिले के बकावंड ब्लॉक के सरगीपाल गांव से ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है, जिसे देखकर एक महिला के हौसले को हर कोई सलाम कर रहा है.

 

दरअसल सरगीपाल गांव में रहने वाली ग्रामीण महिला गुरबारी का एक हाथ नहीं है. इसके बावजूद उसे अपने हुनर को दिखाने का इस ओलंपिक गेम्स के माध्यम से मौका मिला. ऐसे में गुरबारी ने दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हो तो कोई इंसान कमजोर नहीं हो सकता. गुरबारी ने न सिर्फ सामूहिक खेल कबड्डी और खो-खो में हिस्सा लेकर जीत दर्ज की, बल्कि टेनिस बॉल से भी ऐसी प्रतिभा दिखाई, जिसे देखकर सब उसे देखते ही रह गए. गुरबारी ने सामूहिक खेल कबड्डी खो-खो के साथ ही लंगड़ी दौड़ ,पिट्ठुल, 100 मीटर दौड़ और कुर्सी दौड़ खेल में भी हिस्सा ले रही हैं.

 


 

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक गेम्स सरकार की अच्छी पहल: गुरबारी

गुरबारी ने बताया कि बचपन से उसका एक हाथ नहीं है. खेल में भाग लेने के लिए शारीरिक क्षमता तो जरूरी है, लेकिन उससे भी बढ़कर हौसले का मजबूत होना भी जरूरी है. गुरबारी ने कहा कि इस कमजोरी को मैंने कभी महसूस होने नहीं दिया और घर के काम करने के साथ अब छत्तीसगढ़िया ओलंपिक गेम्स में भी अपनी हुनर की काबिलियत से पूरे गांव की सबसे खास खिलाड़ी बन गई है. गुरबारी ने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक गेम्स सरकार की अच्छी पहल है, जिसकी वजह से हम जैसी ग्रामीण महिलाओं को खेलों में शामिल होने का मौका मिला. गुरबारी ने कहा, "मैं काफी खुश हूं कि मुझे इस ओलंपिक गेम्स के जरिए अपने हुनर को दिखाने का मौका मिला."