Chhattisgarh Olympics: अंबिकापुर में 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' का आयोजन, कलेक्टर ने पिट्ठुल में आजमाया हाथ
Chhattisgarh Olympics: अंबिकापुर शहर के पीजी कॉलेज खेल मैदान पर नगर निगम ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया है. सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने पिट्ठूल खेलकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया.
Chhattisgarh Olympics News: राज्य में ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' की शुरुआत हो चुकी है. पारंपरिक खेलों को महत्व मिलने से खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह है. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में गिल्ली-डंडा, लंगड़ी दौड़, पिट्ठुल, रस्साकसी, फुगड़ी, भौंरा, खो-खो सहित अन्य पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है. अंबिकापुर शहर के पीजी कॉलेज खेल मैदान पर नगर निगम ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया है. सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार सहित जनप्रतिनिधियों ने शुक्रवार को पिट्ठूल खेलकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया.
गांव से लेकर शहर तक में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की चर्चा
गांव से लेकर शहर तक में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की चर्चा जोर-शोर से हो रही है. छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं, पुरूष खेलों में शामिल हुए. ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों की प्रतिभाओें को आगे बढ़ाने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रहा है. प्रदेश में पहली बार इस तरह के खेलों का आयोजन होने से लोगों की बड़ी तादाद आयोजन स्थल पर नजर आई. खिलाड़ियों और नागरिकों के उत्साह को देखते हुए कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी परंपरा और पहचान है.
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सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने पिट्ठुल में हाथ आजमाया
छत्तीसगढ़ की संस्कृति में खेलों का बहुत महत्व है. खेल भाईचारे की भावना को विकसित करने के साथ शारीरिक विकास में भी योगदान देता है. गांव-गांव में खेलों का आयोजन होने से खिलाड़ियों की पहचान बढ़ेगी और आने वाली पीढ़ी भी वाकिफ होगी. उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में लोगों को बढ़ चढ़कर भाग लेने की अपील की. आपको बता दें कि राज्य शासन की पहल पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की कवायद है. सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने पिट्ठुल में हाथ आजमाया. उन्होंने छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति में खेलों के आयोजन को मनोरंजन के साथ स्वास्थ्य को बढ़ावा देनेवाला करार दिया.