Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए पुलिस के बड़े अधिकारियों की बैठकों का दौर लगातार जारी है. शुक्रवार को नक्सल (Naxal) प्रभावित सुकमा (Sukma) जिले में पुलिस के सभी बड़े आला अधिकारियों ने इसी मुद्दे पर बैठक की. बैठक में मॉनसून खत्म होने के बाद नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ बड़े अभियान की शुरुआत करने की रूपरेखा तैयार की गयी. बताया जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा, सीआरपीएफ डीजी इंटेलिजेंस ब्यूरो के जेडी इल्मे और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के तमाम बड़े पुलिस अधिकारी मौजूद थे. बैठक की कोई बात लीक ना हो इसलिए इस बैठक से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया.
नक्सलवाद को लेकर हुई लंबी बैठक
आला अधिकारियों की इस बैठक ने साफ संकेत दे दिया है कि बस्तर संभाग के इलाकों में अब नक्सलियों के खिलाफ जल्द ही बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया जाएगा. प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा, सीआरपीएफ के डीजी एसएल थाउसन और इंटेलिजेंस ब्यूरो के जेडी समीर इल्मे की उपस्थिति में यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में ऑपरेशन मॉनसून में मिली उपलब्धियों को लेकर चर्चा की गई, साथ ही अब आगे ठंड के मौसम में किस तरह से नक्सलियों के गढ़ में जवानों की पहुंच होगी और कैसे नक्सलियों से निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी इसको लेकर चर्चा की गई.
जल्द लॉन्च होगा नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन
इसके अलावा कनेक्टिविटी में आ रही समस्या को लेकर इसे जल्द दूर करने के साथ नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की भी सुविधा का पूरा ख्याल रखने को बड़े अधिकारियों ने आदेश दिया, इसके अलावा दक्षिण बस्तर में सक्रिय मोस्ट वांटेड नक्सलियों की भी सूची तैयार करने की भी जानकारी मिली है और आने वाले दिनों में इन नक्सलियों को टारगेट कर ऑपरेशन लॉन्च किए जाने की भी चर्चा इस बैठक में की गई है.
बताया जा रहा है कि बैठक के बाद शनिवार सुबह पुलिस के बड़े अधिकारियों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में खुले नये पुलिस कैम्प का दौरा भी किया. पुलिस के आला अधिकारियों के साथ एडीजी सीआरपीएफ नितिन अग्रवाल, एडीजी छत्तीसगढ़ विवेकानंद सिन्हा, आईजी छत्तीसगढ़ सेक्टर साकेत कुमार सिंह, बस्तर आईजी सुंदरराज पी, सुकमा एसपी सुनील कुमार और बीजापुर एसपी आंजनेय वाष्णेय भी मौजूद थे.
गौरतलब है कि बीते कुछ सालों से बस्तर में पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली लगातार बैकफुट पर हैं, हालांकि नक्सली बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए छुटपुट घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा बल के कैंप खुलने से नक्सलियों में भय का माहौल देखने को मिल रहा है. यही कारण है कि पुलिस लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बैठक कर नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए बैठक कर रही है.
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