Chhattisgarh Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में उपार्जन केंद्रों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर धान की खरीदी शुरू है. 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी का समापन 31 जनवरी को होगा. बस्तर संभाग के उपार्जन केंद्रों में धान की बिक्री करने आ रहे किसान उत्साहित हैं. विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी-कांग्रेस दोनों पार्टियों ने किसानों को लुभाने की कोशिश की है. दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा है. बस्तर के किसानों में भी काफी खुशी है.


बताया जा रहा है कि किसान धान बेचने के बाद जल्द सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं. नई सरकार बन जाने के बाद धान की कीमत बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर मिलने की उम्मीद है. अभी तय नहीं है कि किसानों को नई सरकार बनने के बाद बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर धान की कीमत मिलेगी या नहीं. अधिकारियों ने भी स्पष्ट नहीं किया है. उनका कहना है कि पुराने दाम पर किसानों से धान की खरीदी की जा रही है. दिवाली का त्यौहार होने की वजह से पिछले साल के मुकाबले अभी कम किसान धान खरीदी केंद्रों तक पहुंचे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि 3 दिसंबर के बाद बड़ी संख्या में किसान खरीदी केंद्रों तक धान बेचने पहुंचेंगे.


बायोमेट्रिक से नहीं हो रही धान की खरीदी


बस्तर जिला सहकारी बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से धान की खरीदी बस्तर संभाग में भीजारी है. बस्तर संभाग में धान खरीदी के लिए कुल 383 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. अब तक 70 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से धान खरीदे जा रहे हैं. लगभग 35 हजार 300 क्विंटल धान की खरीदी उपार्जन केंद्र में की गई है. बस्तर संभाग में कुल 2 लाख 66 हजार किसान धान की बिक्री करेंगे. धान खरीदी की आखिरी तारीख 31 जनवरी तारीख तय की गई है.


छत्तीसगढ़ शासन ने बायोमेट्रिक तरीके से खरीदी करने का निर्देश जारी किया था लेकिन संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण पहले की तरह बस्तर में खरीदी की जा रही है. धान खरीदी केंद्रों की जांच समिति में जनप्रतिनिधि शामिल रहते हैं लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण फिलहाल जांच समिति में जनप्रतिनिधि नहीं हैं. पड़ोसी राज्यों के बिचौलियों पर लगाम लगाने के लिए राजस्व विभाग, पुलिस विभाग और वन विभाग को तैनात किया गया है. पड़ोसी राज्यों का अवैध धान बेचने बिचौलिए बस्तर पहुंचते हैं. इसलिए चप्पे चप्पे पर जांच की व्यवस्था की गई है. बस्तर संभाग से लगे सीमावर्ती इलाकों में भी चेक पोस्ट पर जांच टीम को लगाया गया है. 


उपार्जन केंद्रों में पर्याप्त बारदाना का प्रबंध


गौरतलब है कि बीते साल बारदाना की कमी की वजह से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ऐसे में इस बार बारदाना पर्याप्त संख्या में सभी धान खरीदी केंद्रों तक उपलब्ध कराए गए हैं. दोनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में समर्थन मूल्य बढ़ाने का जिक्र है. बीजेपी ने 3100 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने की घोषणा की है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने 3200 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तय किया है. जानकारी मिल रही है कि किसानों से पुराने दाम पर धान की खरीदी हो रही है. नई सरकार बनने के बाद बढ़े हुए दाम लागू करने का अब तक आदेश जारी नहीं हुआ है.


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