(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को झटका, पूर्व विधायक ने पार्टी से दिया इस्तीफा
Chhattisgarh Congress: कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और समस्त पदों से इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था.
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है. इसके बाद से पार्टी में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है. पाली-तानाखर विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहित राम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इसके लिए मोहित राम ने 16 दिसंबर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को लेटर भेज दिया है. मोहित राम ने अपने पत्र में बिना कारण बताए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और समस्त पदों से इस्तीफा दे दिया है.
दरअसल कांग्रेस सरकार में यानी 2018 में मोहित राम को मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद में रह चुके है. सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में मोहित राम केरकेट्टा का टिकट पार्टी ने काट दिया. इसके बाद मोहित ने तात्कालिक विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया था और दूसरे पार्टी से चुनाव लड़ने का दावा किया था. पर मोहित चुनाव नहीं लड़े अब सरकार हाथ से गई तो पार्टी से इस्तीफा दे दिए है.
जहां कांग्रेस ने अपने सिटिंग MLA का टिकट काटा वहां जीपीपी जीती
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में पाली तानाखार सीट गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के खाते में चली गई है. कांग्रेस ने दुलेश्वरी सिदार को टिकट दिया था लेकिन जीजीपी से तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम कांटे की टक्कर में जीत गए और इस सीट में बीजेपी तीसरे स्थान पर रही. पूरे प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बाद एक मात्र सीट दूसरी पार्टी ने जीत दर्ज की है. वो केवल पाली तानाखार सीट है.
कांग्रेस ने 22 सिटिंग एमएलए का टिकट काटे थे
गौरतलब है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने 22 सिटिंग एमएलए का टिकट काटा. इसके बाद एक विधायक ने चुनाव से पहले ही पार्टी से इस्तीफा देकर जोगी कांग्रेस में शामिल हो गए. चिंतामणी महाराज भी पार्टी से बागी हो गए. इसके बाद चुनाव के रिजल्ट आने के बाद दो पूर्व विधायकों ने पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा और तत्कालीन डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव पर हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. इसके बाद पार्टी ने बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. वहीं अब 10 पूर्व विधायकों की टीम दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मिलने पहुंची है.
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