Bastar News: बस्तर में पहली बार होने जा रही पाम की खेती, प्रति एकड़ इतनी कमाई कर सकते हैं किसान
बस्तर में 100 हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती करने की योजना बनाई गई है. इससे बस्तर के किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ एक एकड़ में एक लाख 30 हजार तक की कमाई किसान कर सकेंगे.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में ग्रामीण किसानों को नई फसलों की खेती के लिए लगातार कृषि विभाग (Agriculture) और उद्यानिकी विभाग (Horticulture) के द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है. करीब डेढ़ साल पहले बस्तर में कॉफी की खेती की शुरुआत की गई थी. इसे देश के कोने-कोने में अच्छा रिस्पॉन्स मिलने के बाद अब जिले में करीब 100 एकड़ में कॉफी की खेती की जा रही है. वहीं अब उद्यानिकी विभाग ने किसानों को नए फसलों के लिए प्रोत्साहित करते हुए पहली बार पाम की खेती की शुरुआत करने जा रही है. बस्तर में करीब 100 हेक्टेयर में पाम की खेती करने की योजना बनाई गई है. विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इससे बस्तर के किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ एक एकड़ में एक लाख 30 हजार तक की कमाई किसान कर सकेंगे.
इन चीजों में होता है पाम ऑयल का उपयोग
पहले चरण में 100 हेक्टेयर जमीन पर 14 हजार 300 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. जिले के लौंहडीगुड़ा और बास्तानार ब्लॉक में इसकी शुरुआत की जा रही है. दरअसल पाम ऑयल को सामान्य भाषा में खजूर कहा जाता है और यह ताड़ की एक प्रजाति है. इसमें छिंद की तरह गुछो में फल आते हैं. इसके चलते इसकी तोड़ाई करना काफी आसान होता है. साथ ही पाम ऑयल का उपयोग रिफाइंड ऑयल बनाने के साथ साबुन और सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए किया जाता है. उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पाम ऑयल में विटामिन ई, बीटा कैरोटीन और वसा का बड़ा हिस्सा होता है. इस वजह से बाजार में इसकी काफी डिमांड है. वहीं बस्तर में पहली बार इसकी खेती की शुरुआत की जा रही है.
कंपनी किसानों तक पहुंच खरीदेगी पाम
बस्तर जिले के उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अजय सिंह कुशवाह ने बताया कि जिले में पाम ऑयल की खेती की योजना बनाई गई है. फसल की खेती करने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है. इस योजना में पौधे रोपने में होने वाले खर्च के लिए राशि के साथ ही चार साल तक पौधे का रखरखाव करने के लिए किसानों को राशि दी जाएगी. साथ ही फसल की खेती करने वाले किसानों को फसल बेचने के लिए मार्केट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं एक लाख 20 हजार से एक लाख 30 हजार की औसत आय प्रति एकड़ हर साल होगी. किसान इसी के आधार पर 35 साल तक इसका फायदा ले सकते हैं. अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट कंपनी शिवसाई पाम ऑयल कंपनी मौके से ही किसानों से फसल खरीदेगी. इसके लिए कंपनी से एमओयू साइन भी हुआ है.
लौंहडीगुड़ा और बस्तानार ब्लॉक से होगी शुरूआत
अधिकारी ने बताया कि इस योजना को सफल करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. किसानों को इस फसल की खेती के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है. पाम ऑयल की खेती करने वाले किसानों को फल, सब्जी मंडी जाने की जरूरत नहीं होगी. किसानों से पाम की खरीदी सीधे कंपनी करेगी. पहले चरण में पाम ऑयल की खेती लौंहडीगुड़ा और बस्तानार ब्लॉक में किया जाएगा. दोनों ब्लॉकों में यह खेती करीब 100 हेक्टेयर में की जाएगी. इसकी शुरुआत सितंबर से करने की योजना बनाई गई है. पौधे की सप्लाई कंपनी के द्वारा की जाएगी. साथ ही दोनों ब्लॉक में करीब 150 किसानों का पाम ऑयल की खेती के लिए चयन कर लिया गया है. वहीं विभाग से किसानों को पौधारोपण करने के लिए पांच हजार 531 रुपये प्रति ढाई एकड़ की दर से राशि किस्त में मिलेगी. वहीं चार साल पौधे का रखरखाव करने पांच हजार प्रति हेक्टेयर राशि दी जाएगी. पहली बार बस्तर में हो रहे पाम ऑयल की खेती को लेकर किसान भी काफी उत्साहित है.
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