Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी नक्सली संगठन के द्वारा हर साल 21 सितंबर से 27 सितंबर तक नक्सली संगठन स्थापना दिवस मनाया जाता है. ये सिलसिला 2004 से चल रहा है. स्थापना दिवस के दौरान नक्सली अपने बड़े नक्सली लीडरों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और भारत बंद का आह्वान करते हैं. अपने बंद को सफल बनाने नक्सली संगठन के स्थापना दिवस पर बड़ी वारदातों का अंजाम देते हैं, लेकिन इस साल पुलिस पूरी तरह से चौकन्नी है. नक्सलियों के स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए बस्तर पुलिस ने पहले ही अपने सारे पुलिस कैंपो को अलर्ट कर दिया है.


किरंदुल तक यात्री ट्रेनों पर लगाई रोक
 साथ ही रेलवे प्रशासन ने भी एतिहात बरतते हुए जगदलपुर से नक्सल प्रभावित क्षेत्र किरंदुल तक चलने वाली यात्री ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. अब आने वाले 7 दिनों तक किरंदुल तक यात्री ट्रेनें नहीं चलेंगी, जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.


बंद से पहले दो वारदातों को दिया था अंजाम
नक्सली संगठन द्वारा मनाये जा रहे स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि अपने स्थापना दिवस के पहले बीजापुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने दो वारदातों को अंजाम दिया है, जिसमें सीआरपीएफ कैंप में  पिकअप वाहन से ले जा रहे राशन को लूटने के साथ वाहन को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा दंतेवाड़ा में भी कामालूर रेलवे स्टेशन में मालगाड़ी को रोककर लोको पायलट और गार्ड से वॉकी टॉकी छीन ली थी. इन दोनों वारदातों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.


चप्पे-चप्पे पर की गई पुलिस की तैनाती
आईजी ने कहा कि बस्तर संभाग के सभी अंदरूनी क्षेत्रों के सीआरपीएफ कैंप और थाना चौकीयों को अलर्ट कर दिया गया है, इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों में भी सुरक्षा बल तैनात कर चेकिंग पॉइंट बढ़ा दिए गए हैं. नक्सली अपने स्थापना दिवस के दौरान किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम न दे पाएं इसके लिए पुलिस द्वारा खास सतर्कता बरती जा रही है. 


लोगों को परेशानी न हो इसका भी रखा जा रहा ख्याल
आईजी ने बताया कि पुलिस के जवानों का एंटी नक्सल ऑपरेशन अंदरूनी इलाकों में जारी रहेगा, हालांकि पिछले 2 सालों से स्थापना दिवस के दौरान नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए, लेकिन एहतियात बरतते हुए पूरी तरह से सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं. फिलहाल नक्सलियों के बंद से अंदरूनी क्षेत्रों में आवागमन बाधित ना हो इसका भी खास ख्याल रखा जा रहा है.


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