Chhattisgarh: टाटा-इतवारी एक्सप्रेस की लेटलतीफी से यात्रियों को भारी परेशानी, रोज तीन से पांच घंटे की देरी
Tata-Itwari Express: टाटा से इतवारी तक जाने वाली यह ट्रेन पहले लोकल की तरह चलती थी जिसे रेलवे ने अचानक से एक्सप्रेस बना दिया. देरी से चलने के कारण ट्रेन की ज्यादातर सीटें खाली ही रहती हैं.
Raigarh News: लोकल ट्रेन को एक्सप्रेस बनाए जाने के बाद भी ट्रेन तय समय में नियत स्थान तक नहीं पहुंच पा रही है. इससे यात्रा करने वाले मुसाफिर परेशान हो रहे हैं. जितनी दूरी को एक घंटे में तय करना होता है, उस दूरी को तय करने में ट्रेन 3 से 4 घंटे का समय लगा रही है. टाटा-इतवारी एक्सप्रेस टाटा से इतवारी तक जाने वाली यह ट्रेन पहले लोकल की तरह चलती थी जिसे रेलवे ने अचानक से एक्सप्रेस बना दिया. अब आलम ये है कि यात्री इसमें किराया तो एक्सप्रेस का दे रहे हैं मगर उन्हें सुविधा लोकल ट्रेन की मिल रही है. यह ट्रेन रोजाना 3 से 5 घंटे तक विलंब से चल रही है.
इतवारी से चलकर टाटानगर तक जाने वाली गाड़ी संख्या 18110 रोजाना करीब रात 12 बजे इतवारी से छूटती है. इसे रायपुर, बिलासपुर होते हुए सुबह करीब 11 बजे के आसपास रायगढ़ पहुंचना होता है मगर यह ट्रेन हर दिन लेट पहुंचती है. साल भर से यह ट्रेन 11 बजे के बजाय 2 बजे के बाद पहुंच रही है. रविवार को यह ट्रेन करीब तीन बजे के बाद रायगढ़ पहुंची, इससे पहले आने वाली टिटलागढ़ पैसेंजर भी करीब 1 बजे रायगढ़ आई थी.
भारी परेशानी से जूझ रहे यात्री
एक्सप्रेस घोषित होने के बाद यात्री किराया तो एक्सप्रेस का ही दे रहे हैं, लेकिन यह ट्रेन लोकल की तरह ही चलती है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह गाड़ी रोजाना टाटानगर भी विलंब से पहुंच रही है. इसका टाटानगर पहुंचने का समय शाम साढ़े 7 बजे के करीब है, जबकि यह ट्रेन सुबह 4 बजे तक पहुंच रही है. ऐसे ही विपरित दिशा की ओर जाने के लिए यह गाड़ी रोजाना टाटा से सुबह 9 बजे रवाना होती है, जिसे शाम को 4 बजे के करीब रायगढ़ आना होता लेकिन गुरुवार को यह गाड़ी तय समय से करीब 8 घंटा लेट थी और यह रात करीब 12 बजे रायगढ पहुंची थी. अब इतवारी सुबह पहुंचने के बजाए यह दोपहर तक वहां पहुंचेगी.
यात्रियों से वसूला जा रहा एक्सप्रेस का किराया, सुविधाएं लोकल की
कोरोना संक्रमण के दौरान सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था, इसमें यह ट्रेन भी शामिल थी. करीब ढाई साल बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि यह ट्रेन पहले की तरह ही चलेगी, मगर रेलवे द्वारा अचानक से इस ट्रेन में बदलाव कर इसे एक्सप्रेस बना दिया गया, लेकिन एक्सप्रेस का तमगा मिलने के बाद भी इस ट्रेन की लेटलतीफी लगातार जारी है, जबकि यात्रियों से एक्सप्रेस ट्रेन के नाम पर टिकट के तौर पर मोटी रकम वसूली जा रही है.
खाली रहती हैं अधिकतर सीटें
ट्रेन के लेट चलने की वजह से इस ट्रेन की अधिकतर सीटें खाली ही रहती हैं. बता दें कि रेलवे द्वारा अधिकतर ट्रेनों को बंद रखा गया है, एक तरफ जहां अन्य ट्रेनों में सीटें नहीं मिल पा रही है वहीं इस ट्रेन की अधिकतर सीटें खाली ही रहती हैं जिसका मुख्य कारण इस ट्रेन का लेट चलना है. हालांकि ट्रेन के लेट चलने की वजह क्या है इसका अभी तक पता नहीं चल सका है.