Bastar News: प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान एक बार फिर बस्तर के आदिवासी नेता को सौंप दी गई है. बस्तर से सांसद दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. दीपक बैज अब तक के सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं. उन्हें पीसीसी का अध्यक्ष बनाए जाने से उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है. युवा नेता होने की वजह से बस्तर संभाग के सभी युवा उन्हें काफी पसंद करते हैं, दीपक बैज ने महज 17 सालों के राजनीति सफर में  हॉस्टल अध्यक्ष से लेकर पीसीसी अध्यक्ष का सफर तय किया है.


पिछले कुछ महीनों से लगातार  पीसीसी अध्यक्ष के नामों की लिस्ट में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान एक बार फिर बस्तर के आदिवासी नेता को सौंप दी गई है. बस्तर से सांसद दीपक बेच दो प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. दीपक भाई अब तक के सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं, उन्हें किसी का अध्यक्ष बनाए जाने से उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है.  युवा नेता होने की वजह से बस्तर संभाग के सभी युवाओं ने काफी पसंद करते हैं. दीपक बैज ने महज 17 सालों में हॉस्टल अध्यक्ष से लेकर पीसीसी अध्यक्ष का सफर तय किया है.


'विश्वास पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा'
पिछले कुछ महीनों से  दीपक बैज का नाम पीसीसी अध्यक्ष के नामों की लिस्ट में सबसे ऊपर था और आखिरकार बुधवार देर रात ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने  उनके नाम का ऐलान किया.  उन्हें पीसीसी अध्यक्ष का कमान सौंप दिया. दीपक बैज को अध्यक्ष बनाये जाने पर उन्होंने एबीपी न्यूज़ से  कहा कि  मुझे संगठन के वरिष्ठजन ने जो जिम्मेदारी दी है. उनके विश्वास पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा और पार्टी में सभी सदस्यों  कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को साथ लेकर चलूंगा. दीपक ने कहा कि आने वाले विधानसभा के चुनाव में फिर से एक बार कांग्रेस की  सरकार बने इसके लिये संगठन को साथ लेकर चलूंगा. साथ ही इस बार के  लोकसभा चुनाव में भी छत्तीसगढ़ में ज्यादा सीट लाकर केंद्र में भी अपनी सरकार बने यही प्रयास और प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के साथ साथ  सभी वर्ग के हितों की आवाज उठाता रहूंगा.


कम उम्र में उन्हें पीसीसी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई
बस्तर के सांसद दीपक बैज  42 साल के हैं.  इतनी कम उम्र में उन्हें पीसीसी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है. दीपक बैज का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ. बस्तर जिले के लौंहडीगुड़ा ब्लॉक के गढ़िया ग्राम में जन्मे दीपक बैज ने अपनी स्कूली शिक्षा लौंहडीगुड़ा में पूरी की. जिसके बाद जगदलपुर शहर के पीजी कॉलेज से उन्होंने राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र में डबल एम.ए की.  उसके बाद एलएलबी किया, आदिवासी बालक आश्रम में रहकर ही उन्होंने अपनी कॉलेज की  पढ़ाई पूरी की.  इस दौरान वह हॉस्टल के अध्यक्ष भी रहे. जिसके बाद 2008 में पहली बार उन्हें संगठन में पद मिला. वे एनएसयूआई के बस्तर जिला अध्यक्ष बने. इसके बाद 2009 में उन्हें युवा कांग्रेस महासचिव की जिम्मेदारी मिली.


बीजेपी से प्रत्याशी रहे लच्छूराम कश्यप को हराया
इसके बाद 2009 से 2014 तक लौंहडीगुड़ा ब्लाक कांग्रेस के कार्यकारी और पूर्णकालिक अध्यक्ष रहे. 2013 विधानसभा के चुनाव में चित्रकोट विधानसभा से उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया. इस विधानसभा में काफी सीनियर आदिवासी नेताओं के बावजूद छात्र संगठन में और अपने क्षेत्र में  काफी मजबूत पकड़ रखने की वजह से उन्हें टिकट दिया गया. बकायदा उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता बैदुराम कश्यप को हराया. जिसके बाद पार्टी में उनका कद बढ़ा और प्रदेश कांग्रेस के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के भी दीपक बैज पसंद बने. 2018 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर पार्टी ने टिकट दिया. इस चुनाव में भी बीजेपी से प्रत्याशी रहे लच्छूराम कश्यप को भारी मतों के अंतर से हराया.


मोदी लहर के बावजूद भी दीपक बैज ने 38 हजार वोटों से जीते
लगातार दो बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बस्तर लोकसभा से सांसद का टिकट दिया. मोदी लहर के बावजूद भी दीपक बैज ने 38 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के प्रत्याशी बैदूराम कश्यप को चुनाव हराया. बस्तर के युवा सांसद बने. इस बीच 2022 में कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें राष्ट्रीय आदिवासी कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया. बस्तर सांसद बनाए जाने के बाद संसद में बस्तर के मुद्दों को बेबाक तरीके से रखने की वजह से दीपक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चहेते बने. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में भी उनका कद बढ़ा, वही दीपक बैज  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भी पसंद बताए जाते है. जिस वजह से उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है.


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