Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में घंटों बिजली कटने से लोग परेशान, 4 महीने में तेजी से बढ़ी सप्लाई की डिमांड
Chhattisgarh Electricity Supply: छत्तीसगढ़ में लगातार बिजली के आंख मिचौली से उपभोक्ता परेशान हैं. बिजली विभाग प्री मानसून मेंटेनेंस, ट्री कटिंग की बात कह कर लगातार पावर कट से लोग परेशान हैं.
Chhattisgarh Electricity Supply-Power Cut: छत्तीसगढ़ में इस साल भीषण गर्मी पड़ने की वजह से बिजली की खपत बढ़ गई है. हालांकि मई महीने के पहले सप्ताह से मौसम में आए बदलाव की वजह से बिजली की खपत में थोड़ी बहुत कमी आई है, लेकिन पिछले सालों की तुलना में बिजली खपत में काफी वृद्धि हुई है.
दरअसल बिजली कंपनी के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली की खपत हर साल करीब 10 फीसदी बढ़ती है और खपत में यह विधि सामान्य है ,क्योंकि एक साल में कई नए कनेक्शन लिए जाते हैं. इससे मांग बढ़ती है. जानकारी के मुताबिक गर्मी में खपत औसतन 40 से 50 फीसदी तक बढ़ जाती है.
पिछले साल के मुकाबल इस साल बढ़ी बिजली खपत
हालांकि अच्छी बात यह है कि मई महीने में बिजली की खपत में औसत के अनुसार वृद्धि नहीं हुई है. पिछले साल मई के 20 दिनों की औसत डिमांड खपत 343.18 मेगावाट तक पहुंच गई थी. इस साल 1 से 20 मई तक बिजली की औसत डिमांड खपत 399.18 मेगावॉट है. जिससे इस साल मई महीने में बिजली की खपत कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
मई महीने में बिजली की खपत हुई कम
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जेएस नेताम से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल की तुलना में जरूर 10 फीसदी बिजली के खपत में वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले सालों की तुलना में इस साल मई के महीने में भीषण गर्मी के मौसम में बिजली की खपत कम हुई है.
1 मई से लेकर 20 मई तक पूरे प्रदेश में एक करोड़ 20 लाख यूनिट के करीब बिजली की खपत हुई है. यह पिछले सालों की तुलना में करीब 30 लाख कम है. दरअसल, अप्रैल के चौथे सप्ताह और मई के महीने में मौसम का पारा 44 से 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है. उसी के अनुसार, बिजली की खपत भी बढ़ जाती है.
क्यों बढ़ी है बिजली की खपत?
अमूमन सामान्य मौसम में घरों में बिजली की खपत 300 से 350 यूनिट तक होती है, लेकिन गर्मी के मौसम में घरों में एसी, कूलर, पंखे लगातार चलाने की वजह से बिजली की खपत करीब 400 से 500 यूनिट तक पहुंच जाती है. जिसकी वजह से बिजली का बिल भी काफी ज्यादा आता है. बीते 5 महीने की बात की जाए तो जनवरी और फरवरी माह में पूरे प्रदेश में 40 से 50 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई.
मार्च और अप्रैल महीने में यह बढ़कर 80 लाख से 90 लाख यूनिट के बीच पहुंच गई.सिर्फ मई महीने में ही एक करोड़ 10 लाख यूनिट बिजली की खपत अब तक हुई है. हालांकि पिछले साल मई महीने में एक करोड़ 40 लाख यूनिट के आसपास बिजली की खपत हुई थी. उसकी तुलना में इस साल मई के महीने में करीब 30 लाख यूनिट बिजली की खपत कम हुई है.
राज्य विद्युत कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जेएस नेताम ने बताया कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, उसी अनुसार बिजली की खपत भी बढ़ेगी. गर्मी से राहत पाने के लिए मध्यम वर्गों के साथ-साथ सभी वर्गों ने घरों में एयर कंडीशनर लगाया है. इसके साथ कूलर, पंखे का भी उपयोग गर्मी के मौसम में अधिक होता है. इस वजह से बिजली की खपत बढ़ी है और पिछले सालों की तुलना में मई को छोड़कर बाकी महीनो में बिजली की खपत बढ़ी है.
बिजली की कटौती से उपभोक्ता परेशान
विद्युत कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जेएस नेताम ने बताया कि इस साल बिजली की डिमांड मई की शुरुआत में ज्यादा होने से खपत 400 मेगावाट से अधिक हो गई थी. हालांकि इसके बाद तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से गर्मी कम पड़ी, इसका असर बिजली की खपत पर नजर आ रहा है.
उन्होंने कहा कि अनुमानित खपत को ध्यान में रखते हुए पहले से ही बिजली की व्यवस्था करने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है. दूसरी तरफ लगातार खपत बढ़ने के साथ बिजली की आंख मिचौली से आम उपभोक्ता काफी परेशान है. बिजली विभाग के द्वारा प्री मानसून मेंटेनेंस का नाम देते हुए अलग-अलग हिस्सों में लगभग 5 से 6 घंटे तक बिजली गुल कर मरम्मत और ट्री कटिंग करने की बात बताई जा रही है.
यह समस्या प्रदेश में किसी एक जगह पर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में बिजली कटौती किए जाने से उपभोक्ता बिजली विभाग से काफी नाराज हैं. कई जगह विभाग के दफ्तरों के बाहर उपभोक्ताओं के द्वारा विरोध किया जा रहा है.
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