Surguja News: पेट्रोल-डीजल की कीमतों का असर, सरगुजा में ट्रांसपोर्टर्स ने बढ़ाया किराया, इन खाद्य सामग्रियों के दाम चढ़े
Chhattisgarh News: पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. मंहगे पेट्रोलियम प्रदार्थ को लेकर ट्रांसपोर्टर परेशान हैं. इसको लेकर वाहनों का भाड़ा भी बढ़ गया है और खाद्य पदार्थों के दाम में इजाफा हुआ है.
Diesel-petrol rates in chhattisgarh: देश में पेट्रोल-डीजल के दाम धरती छोड़ आसमान की ओर भाग रहे हैं. सोमवार 28 मार्च को एक बार फिर तेल कंपनियों ने तेल के रिटेल दामों में वृद्धि कर दी है. पिछले सात दिनों में छठी बार ऐसा हुआ है. जब पेट्रोल-डीजल महंगा हुआ है. सोमवार को पेट्रोल 30 पैसे तो डीजल 35 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है.
अभी कल यानी रविवार को ही पेट्रोल की कीमत में 50 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 55 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी. कुल मिलाकर एक हफ्ते में पेट्रोल 4 रुपये प्रति लीटर और डीजल 4.1 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है. मंहगे पेट्रोलियम प्रदार्थ की मार सबसे अधिक ट्रांसपोर्टर पर पड़ा है. जिससे कुछ खाद्य प्रदार्थ भी मंहगे हुए हैं.
छत्तीसगढ़ में डीजल-पेट्रोल के रेट
छत्तीसगढ़ में पेट्रोल डीजल के दाम 30 से 37 पैसे बढ़े हैं. राजधानी रायपुर में पेट्रोल का रेट 105.23 रुपये प्रति लीटर है. डीजल का रेट 96.63 रुपये प्रति लीटर है. बिलासपुर में पेट्रोल का रेट 105.10 रुपये प्रति लीटर है. डीजल का रेट 97.33 रुपये प्रति लीटर है. वहीं अम्बिकापुर में पेट्रोल 106.41 (+31) और डीजल का रेट 97.80 (+37) हो गया है.
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महंगा हुआ सामान
लगातार डीजल के रेट बढ़ने के कारण सरगुजा संभाग मुख्यालय में लोकल ट्रांसपोर्टर (पिकअप, छोटा हाथी संचालक) ने अपने वाहनों का भाड़ा बढ़ा लिया है. लोकल और छोटे माल वाहन संचालक संघ ने एक हफ्ते में अपना भाड़ा पहले 200 से बढ़ाकर 250 किया था. अब ये भाड़ा बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया है. जिसका असर लोकल उत्पादों में दिखने लगा है. कुछ लोकल बनने वाले खाद्य पदार्थों के दाम में इजाफा हुआ है.
ट्रांसपोर्टर बाबूलाल ने कही ये बात
इससे अलग शासकीय संस्थानों में ट्रांसपोर्टिंग में लगे बड़े वाहन मालिक डीजल के लगातार बढ़ते दाम से काफी परेशान हैं. ऐसे ही एक ट्रांसपोर्टर बाबूलाल यादव ने एबीपी न्यूज़ से बताया कि वो साउथ इस्टर कोल्ड फिल्ड लीमिटेड में ट्रांसपोर्टिंग का काम करते हैं. उनके मुताबिक डीजल के दाम रोज बढ़ रहे हैं लेकिन एसईसीएल प्रबंधन भाड़ा नहीं बढ़ा रही है. ऊपर से आरटीओ विभाग उनके वाहन कहीं भी खड़ा करके वसूली कर लेता है. ऐसे समय में वाहन फाइनेंस करने वाली कंपनी के कर्मचारी भी उनके वाहन को खींचने की फिराक में रहते हैं. बाबूलाल ने बताया कि डीजल का रेट बढ़ रहा है, टायर का रेट बढ़ रहा है, पार्ट के रेट दोगुना हो गए हैं लेकिन उनका भाड़ा नहीं बढ़ रहा है. जिससे वो हर तरफ से मार खा रहे हैं.
खाद्य सामग्री पर पड़ रहा असर
बढ़ते डीज़ल-पेट्रोल के दाम का असर ट्रांसपोर्टर के साथ खाद्य सामग्री पर पड़ने लगा है. निजी ट्रांसपोर्टर अपना भाड़ा बढ़ाने लगे हैं. जिससे कुछ खाद्य सामग्री का भाव बढ़ गया है. अम्बिकापुर के एक फुटकर किराना व्यवसायी रवि के मुताबिक छत्तीसगढ़ में उत्पादित एक रिफायन तेल की कीमत पहले 130 रुपए प्रति लीटर थी लेकिन अब फुटकर रूप से इसकी बिक्री 165 रुपए प्रति लीटर हो गई है. इसी तरह 25 रुपए प्रति किलो बिकने वाला आटे का रेट 30 रुपए प्रति किलो और 80 रुपए प्रति किलो बिकने वाले सोयाबीन बरी का रेट 120 रुपए किलो हो गया है. इसके अलावा मूंगफली का रेट 100 की जगह 140 रूपये प्रति किलो हो गया है.
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