Chhattisgarh Khelo India: भारत( India) के ओडिशा राज्य(Odisha State) के भुवनेश्वर( Bhubaneswar) में प्रथम खेलो इंडिया( Khelo India) जनजाति खेल राष्ट्रीय प्रतियोगिता(National Competition) में छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के खिलाड़ियों को कई खेलो में पदक मिले हैं.  आवासीय तीरंदाजी अकादमी बिलासपुर(Bilaspur) और एथलेटिक अकादमी के खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Bhupesh baghel) एवं खेल युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के लिए बधाई दी है.

 

खेलो इंडिया राष्ट्रीय प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने जीता पदक
आवासीय तीरंदाजी अकादमी बिलासपुर के कुबेर सिंह को 30 मीटर में सिल्वर मेडल मिला है और ओवरऑल चैंपियनशिप में वे दूसरे पोजीशन में रहे हैं.  इसी तरह से आवासीय एथलेटिक अकादमी बिलासपुर की खिलाड़ी कुमारी तर्निका टेटा ने 100 मीटर वीमेन्स स्पर्धा में रजत पदक जीता है. राज्य के प्रशिक्षण केंद्र बिलासपुर में 25 मई को राज्य के विभिन्न खेलो के लिए खिलाड़ियों का चयन ट्रायल खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया था.

 

उड़ीसा में चल रहे खेलो इंडिया चैंपियनशिप में 18 राज्यों के 5000 एथलीट ने लिया है हिस्सा
उड़ीसा में चल रहे प्रतियोगिता मे आयोजित हुए विमेन फुटबॉल सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ की टीम ने त्रिपुरा को 4-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. इस प्रतियोगिता में बालिका फुटबॉल एकेडमी रायपुर की खिलाड़ी किरण पिस्दा ने तीन गोल किए जबकि बस्तर की पिंकी कश्यप ने एक गोल किया. फाइनल मैच छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच 12 जून को खेला जाएगा. उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर में आयोजित हो रही इस प्रतियोगिता में 18 राज्यों के 5000 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं.


छत्तीसगढ़ के 24 जिलों में 24 खेलो इंडिया के सेंटर खोले जाएंगे
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के दूरदराज अंचल क्षेत्रों के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल का प्रतिभा दिखाने के लिए छत्तीसगढ़ में 24 खेलो इंडिया सेंटर के लिए खेल संचालनालय और साई के बीच एमओयू हुआ है. संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव पर भारतीय खेल प्राधिकरण ने 24 जिलों के लिए विभिन्न खेलों की 24 खेलो इंडिया सेंटर की स्वीकृति तीन चरणों में दी है. छत्तीसगढ़ के 24 जिलों में खेलो इंडिया में जाने के लिए उन खिलाड़ियों को मौका मिलेगा. जिनके पास हुनर होने के बाद भी उस हुनर को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं दिखा पाते थे