Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले है. इस लिए बीजेपी और कांग्रेस की सक्रियता बढ़ गई है. बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटी है. इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर 16 लाख लोगो को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं देने का आरोप लगाया है.इसका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया है.


मांगे जवाब
दरअसल गुरुवार को छत्तीसगढ़ के 3 बार के मुख्यमंत्री रह चुके डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर एक आंकड़ा जारी किया है. उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार पर पीएम आवास के 16 लाख मकानों का हिसाब मांगा है और रमन सिंह ने कहा कि फरेब की दुकान लगाकर झूठ बेचने वाले दाऊ भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास वापिस लौटा कर न केवल 16 लाख परिवारों से छत छीनी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गर्त में डाल दिया है.


रमन के आंकड़ों पर भूपेश बघेल ने उठाया सवाल
रमन सिंह के इन आंकड़ों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया है. उन्होंने रायपुर हेलीपेड में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 16 लाख बेघर गरीबों का आंकड़ा कहां से आया? कोई जनगणना तो हुई नहीं है. गरीबी रेखा की सूची जारी नहीं हुई है, तो किस आधार पर 16 लाख की बात कह रहे है. सीएम भूपेश ने आगे कहा कि 2001 के 2011 के किस आधार पर कह रहे है? हर 10 साल में जनगणना का प्रावधान है. अभी तो 2021 का डेट भी निकल गया है. जनगणना क्यों नहीं कराते ये लोग. हो सकता है कि ये 16 लाख आंकड़े बताएं है वह 18 लाख हो जाए. हो सकता है इससे कम हों. 


जनगणना के लिए केंद्र सरकार पर लगाया बड़ा आरोप
मुख्यमंत्री ने इस मामले केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार जनगणना शायद इसलिए नहीं करा रही है कि देश में गरीबों की संख्या में वृद्धि हुई है. यह मेरा आरोप है. यहां बीजेपी के लोग हल्ला कर रहे है. जनगणना हो तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. छत्तीसगढ़ में बीजेपी जो गली गली घूम रही है उनको पहले केंद्र सरकार मांग करनी चाहिए कि जनगणना कराएं.


यहां से शुरू हुई थी पीएम आवास को लेकर बवाल
आपको बता दें कि ये मामला 2021 में छत्तीसगढ़ के राजनीति में भूचाल लेकर आया था. जब केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल द्वारा राज्य के एसीएस को पत्र लिखा गया था. जिसमे डिप्टी डायरेक्टर जनरल ने राज्य सरकार की पीएम आवास योजना के परफॉर्मेंस को लेकर चिंता जताई थी और इसके बाद केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने साल 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य वापस ले लिया था. इस मामले में छत्तीसगढ़ में राजनीति पारा चढ़ गया था.


चुनाव में गेम चेंजर हो सकता पीएम आवास का मुद्दा
गौरतलब है की इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इससे पहले बीजेपी कांग्रेस के सबसे मजबूत किला भेदने के लिए रायपुर से दिल्ली तक रणनीति बनाई जा रही है. पीएम आवास योजना पर बीजेपी लगातार आक्रामक अंदाज में है. छत्तीसगढ़ ग्रामीण वोटर ही चुनाव में सबसे बड़े गेम चेंजर है. बीजेपी के प्लान ने काम कर लिया तो बीजेपी को इसका फायदा चुनाव में मिल सकता है. इसलिए पीएम आवास को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जमकर घमसान मचा हुआ है.


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