(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कविता की मेहनत देख गदगद हुए पीएम मोदी, पीठ थपथपा कर दी शाबाशी, क्या है छत्तीसगढ़ की इस बेटी की कहानी
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव की रहने वाली कविता के संघर्ष की कहानी सुनकर आप भी गर्व महसूस करेंगे. पीएम मोदी ने भी कविता को शाबाशी दी.
Chhattisgarh Latest News: देश की राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ को मिली नई खूबसूरती में छत्तीसगढ़ की बेटी की मेहनत भी शामिल है. बेमेतरा जिले की कविता छत्तीसगढ़ की इकलौती सिविल इंजीनियर है, जिसको कर्तव्य पथ सेंट्रल विस्टा वैन्यू रीडवलपमेंट प्रोजेक्ट में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है. राजपथ को कर्तव्य पथ में तब्दील करने की मुहिम में जोरदार मेहनत के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई है.
मजदूरी का काम करके सिविल इंजीनियर बनी कविता
इस प्रोजेक्ट में कविता एक मात्र लड़की है. जिसने सैकड़ों मजदूरों और मिस्त्रियों के साथ कर्तव्य पथ पर लगाए गए ग्रेनाइट की फिशिनिंग दी. कविता की संघर्ष की कहानी सुन आप भी गर्व महसूस करेंगे. स्कूल के दौर में मनरेगा में काम किया. तालाबों की खुदाई कर पैसे जुटाए लेकिन पढ़ने और बढ़ने का जुनून कम नहीं होने दिया. अपनी मेहनत से सिविल इंजीनियर की डिग्री हासिल की और खुद को साबित कर दिखाया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कविता की थपथपाई पीठ
विस्टा प्रोजेक्ट के दौरान पीएम मोदी अधिकारियों-कर्मचारियों से मिले. पीएम ने यहां सबसे पहले कविता से बात शुरू की. पूछा आप कहां से हैं? इस पर कविता ने छत्तीसगढ़ का नाम लिया साथ ही छोटे से गांव से निकलकर यहां तक पहुंचने की बात बताई. कविता ने हर्ष व्यक्त करते हुए पीएम से कहा कि सर हम यहां नया इतिहास रचने आए हैं. इस कर्तव्य पथ को नया रूप देना हमारी जिम्मेदारी है. यह जवाब सुनकर पीएम मोदी बेहद खुश हुए और कविता को पीठ थपथपाते हुए शाबाशी दी.
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद माता-पिता ने भरपूर दिया साथ
कविता ने बताया कि घर की आर्थिक सहायता के लिए स्कूलिंग के दौरान ही खेतों की खुदाई के दौरान मिट्टी सिर में उठाकर ढोया. माता चम्पा बाई और पिता गोविंद साहू ने सहायता की. गांव के स्कूल में 10वीं तक पढ़ी. हर साल अव्वल आती रही. 11वीं और 12वीं की पढ़ाई भाटापारा में की. इसी दौरान जेईई मेंस और पीईटी की तैयारी की. जेईई में रैंक नहीं आया, लेकिन पीईटी में बेहतरीन रैंक मिला. सपना सिर्फ इंजीनियर बनना था. सिविल इंजीनियर बनने का सपना रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज से पूरा किया.
गांव की पहली ग्रेजुएट लड़की है कविता
कविता बेमेतरा जिला के एक छोटे से गांव पुटपुरा में रहती है. इस गांव के ज्यादातर लोग कम पड़े लिखे हैं. अभी तक कोई इंजीनियर नहीं बना. लड़कियां तो ग्रेजुएशन तक नहीं कर पाई, कविता गांव की पहली इंजीनियर हैं. वह भी दिल्ली में केंद्र सरकार की एक बहुमुखी योजना में अपना योगदान दे रही हैं. पिछले दिनों प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की. फिर उनकी नजर कविता पर पड़ी. उन्होंने उनसे प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस के संबंध में जानकारी ली. उनके बताए प्रोग्रेस पर उन्होंने संतुष्टि जाहिर की. कविता को कर्तव्य पथ को नया स्वरूप देने के लिए शाबाशी मिली.
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