Padma Shri Ajay Kumar Mandavi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान पद्म पुरस्कार विजेताओं को याद किया.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में पद्म पुरस्कार विजेताओं की चर्चा की है. इसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले कांकेर के अजय कुमार मंडावी का भी जिक्र किया है. इस पद्म पुरस्कार विजेताओं में अजय कुमार मंडावी भी शामिल हैं.


मन की बात में पद्म पुरस्कार विजेताओं की चर्चा


दरअसल रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म पुरस्कारों पर चर्चा करते हुए कहा कि जिन लोगों को पद्म पुरस्कार मिले हैं, वे सभी हमारे बीच के आम लोग हैं, जो राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ समाज उत्थान और देश के विकास में उत्तम भागीदारी कर रहे हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करने वालों को भी पद्म पुरस्कार मिले हैं. छत्तीसगढ़ के कांकेर जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में काष्ठ कला के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे अजय मंडावी को पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया.


18 हजार से अधिक जगहों में सुना गया मन की बात


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि संगीत के क्षेत्र में उन विभूतियों को पद्म पुरस्कार से विभूषित किया गया, जो भारतीय वाद्य यंत्रों से भारतीय कला संस्कृति की साधना कर रहे हैं. देश के अलग अलग राज्यों के जनजातीय समाज सहित विभिन्न समुदायों के राष्ट्र सेवियों, समाजसेवियों को पद्म पुरस्कार मिलने से देश के लोग प्रसन्न हैं. वहीं पहली बार छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को एक साथ 18 हजार 500 जगहों में एक साथ सुना गया है.


रमन सिंह ने राजनांदगांव में कार्यकर्ताओं के साथ सुना


छत्तीसगढ़ बीजेपी ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ के 18 हजार 500 स्थानों पर भाजपा के दिग्गज नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में मन की बात कार्यक्रम सुना गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह राजनांदगांव में कार्यकर्ताओं के बीच मन की बात सुनी. बिलासपुर में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव मन की बात सुन रहे थे. इसके अलावा प्रदेशभर में बीजेपी के सभी बड़े नेता अलग अलग जिलों में मन की बात सुनी.


जेल के कैदियों को लकड़ी में नक्काशी करना सिखाते हैं मंडावी
 
गौरतलब है कि इस साल छत्तीसगढ़ के 3 हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. पद्म पुरस्कार में अजय कुमार मंडावी, उषा बारले और डोमार सिंह कुंवर का नाम सूची में आया है. वहीं कांकेर के अजय कुमार मंडावी की कहानी सबसे खास है. दरअसल अजय अपनी काष्ठ कला से जेल में सजा काट रहे कैदियों जिंदगी संवारने का काम करते हैं. अजय कांकेर जिले के रहने वाले हैं और अबतक कांकेर सेंट्रल जेल के 400 से अधिक कैदियों लकड़ी में नक्काशी करना सिखाते है. इससे कैदियों को जेल से बाहर आने के बाद नई जिंदगी शुरू करने का रास्ता मिला है.


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