Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में इन दोनों मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. कभी धूप निकल रही है तो कभी मूसलाधार बारिश हो रही है. लगातार मौसम में बदलाव होने के कारण मौसमी बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ने लगा है. और इन बीमारियों ने बस्तर के मासूमों को भी अपनी चपेट में लिया है. यही कारण है कि बस्तर संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सह-अस्पताल में निमोनिया (Pneumonia) से पीड़ित 12 से अधिक बच्चे भर्ती हैं,  जिनका इलाज चल किया जा रहा है. एक बच्चे की स्थिति काफी गंभीर बताई जा रही है जिसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.


डिमरापाल अस्पताल के अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि बस्तर में इन दिनों लागातार मौसम में बदलाव हो रहा है. बारिश, फिर धूप और उमस बढ़ने की वजह से इसका असर लोगों के स्वास्थ पर पड़ रहा है. साथ ही अन्य बच्चे या व्यक्ति जिन्हें सर्दी खांसी बुखार है. उनके संपर्क में आने से बच्चों में तेजी से निमोनिया बढ़ रहा है. यही कारण है कि अस्पताल के शिशु वार्ड में 12 से अधिक निमोनिया से पीड़ित बच्चे भर्ती हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है. डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था है. इससे पहले भी निमोनिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल में पहुंचे हुए थे, जिनका उपचार किया गया और वे डिस्चार्ज लेकर अपने घर चले गए. लेकिन मौसम को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है. इस मौसम की वजह से छोटे बच्चों की सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है.


इस मौसम में बरती जानी चाहिए सावधानी
निमोनिया से बचाव की जानकारी देते हुए डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति सर्दी, खांसी या अन्य बीमारी से संक्रमित हो तो बच्चों को खास कर उनके नजदीक नहीं ले जाना चाहिए. यदि उनके करीब बच्चे आते हैं तो वह संक्रमित हो जाते हैं और उन्हें निमोनिया की बीमारी हो जाती है. हालांकि अच्छी बात यह है कि अभी तक बस्तर जिले में निमोनिया से किसी की मौत नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि बच्चों को इस मौसम में गर्म कपड़े पहनने के साथ अन्य सावधानी भी बरतनी है. 


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