Polavaram Dam Protest: कांग्रेस सरकार के खिलाफ सीपीआई ने भरी हुंकार, पोलावरम बांध को लेकर गरमाई राजनीति, ऐसे जताया विरोध
Chhattisgarh News: पोलावरम बांध को लेकर CPI ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इस बांध से प्रभावित हो रहे हजारों परिवारों के विस्थापन पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर में बने पोलावरम बांध को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने सुकमा से कोंटा तक बाइक यात्रा निकाली, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. बाइक यात्रा की अगुवाई सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने की, जिसमे 800 से ज्यादा बाइक शामिल हुए, केरलापाल, दोरनापाल और इंजरम भेजी से लोगों का काफिला इस रैली से जुड़ता गया, और कोंटा पहुंच गया. यहां आम सभा किया गया
सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि कोंटा विधानसभा में आदिवासियों को पहले सलवा जुडूम के नाम पर बेघर किया गया, यहां के लोगों पर जुल्म ढाया गया, और अब पोलावरम बांध से डुबान क्षेत्र के कोंटा ब्लॉक के करीब एक दर्जन से ज्यादा गांव के हजारों लोग बेघर हो जायेंगे,और बस्तर की सबसे पुरानी जनजातियो में से एक दोरला जनजाति भी समाप्त हो जाएगी, भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने कोंटा विधानसभा के लोगों को आश्वासन देकर केवल ठगने का काम किया है...
'प्रभावित लोगों से बात करने को तैयार नहीं कवासी लखमा'
सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कहा, "बीजेपी शासन काल में विपक्ष में रहते कोंटा के विधायक कवासी लखमा पोलावरम बांध को लेकर बड़े बड़े बयान दिया करते थे और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने पर पोलावरम पर उचित फैसला लेने का वादा किया था, लेकिन आज प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी कवासी लखमा पोलावरम मुद्दे पर शांत हैं, विपक्ष में रहते पीड़ितों से कई वादे किए. आज डुबान क्षेत्र से प्रभावित लोगों से बात करने को तैयार नहीं है, जबकि यहां के हालातों से वे भलीभांति परिचित हैं."
'डुबान क्षेत्र से प्रभावित लोगों के विस्थापन पर ध्यान नहीं दे रही सरकार'
सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने आगे कहा, "दक्षिण बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ शुरू हुए सलवा जुडूम अभियान का कवासी लखमा ने कभी विरोध नहीं किया, बल्कि इसके पक्ष में खड़े थे, आज अपनी सभाओं में सलवा जुडूम को बंद करने का दावा करते हैं, जबकि सच्चाई है कि सलवा जुडूम का विरोध सीपीआई ने किया था, सीपीआई के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल लगाया गया था, जिसके बाद सलवा जुडूम को बंद किया गया, चुनाव जीतने के लिए कवासी लखमा ने लोगों से कई वादे और घोषणाएं किए, जीतने के बाद एक भी वादा पूरा नहीं किया, जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई का वादा भी अधूरा है."
उन्होंने ये भी कहा, "सालों जेल में सजा काटकर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद निर्दोष साबित हुए हैं, निर्दोष ग्रामीण हजारों रुपये खर्च कर रिहा हुए हैं." उन्होंने कहा कि पोलावरण बांध से हजारों लोग बेघर हो रहे हैं लेकिन इस पर प्रदेश सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, ना ही इनके विस्थापन को लेकर कोई रुचि ले रही है, जिसके चलते इन प्रभावितों के साथ बाईक यात्रा कर सीपीआई ने इस पोलावरम बांध का विरोध किया है और छत्तीसगढ़ के कोंटा ब्लॉक के हजारों परिवार के बेघर होने के डर से इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है.
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