Chhattisgarh: नक्सलियों के साथ क्रॉस फायरिंग में मासूम की मौत, बीजापुर विधायक के नेतृत्व में कांग्रेस ने गठित की जांच कमेटी
Bijapur Naxalite Encounter: नए साल के पहले दिन बीजापुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ पर समाजसेवी सोनी सोरी ने दुख जताया है. उन्होंने सरकार से इस घटना की जांच की मांग की है.
Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नए साल के पहले ही दिन नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग में एक 6 महीने की बच्ची की मौत हो गई, जबकि उसके मां के हाथ में गोली लग गई थी. इस मामले को लेकर प्रदेश में प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. इस मामले की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु ने 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है, जो इस क्रॉस फायरिंग के मामले की पूरी जांच करेगी और इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौपेंगी.
कांग्रेस के इस जांच कमेटी में बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी को संयोजक बनाया गया है. इसके अलावा टीम में पीसीसी महामंत्री नीना रावतिया, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियाम, जिला पंचायत सदस्य बसंत ताती और जनपद पंचायत उपाध्यक्ष मिच्चा मुतैया को शामिल किया गया है. यह जांच कमेटी पुलिस और नक्सलियों के बीच बीते 1 जनवरी को हुई मुठभेड़ वाले गांव का दौरा करेगी. इस दौरान यह जांच कमेटी गांव के पीड़ित परिवार सहित स्थानीय ग्रामीणो से चर्चा करेगी और घटना की वास्तविक स्थिति को जानने की कोशिश करेगी. जांच के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट कांग्रेस कमेटी को भेज देगी.
पुलिस ने जवानों मौत की बताई ये वजह
दरअसल, इस मामले में पुलिस और नक्सलियो के बीच चली मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग में 6 महीने की मासूम बच्ची को गोली लगने से मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पीड़ित परिवार के साथ स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. पुलिस के जवान एक तरफ जहां नक्सलियों की गोली से मासूम बच्ची के मौत होने की वजह बता रहे हैं, जबकि नक्सली प्रेस नोट जारी कर जवानों के द्वारा महिला और बच्ची पर गोली चलाने का आरोप लगा रहे हैं. घायल महिला का ईलाज पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा जगदलपुर के जिला अस्पताल में किया जा रहा है, घायल महिला के हालात स्थिर में तेजी से सुधार बताया जा रहा है.
सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
स्थानीय ग्रामीणों में इस घटना को लेकर काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. इस मामले की वस्तु स्थिति जानने के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी प्रभावित गांव जाना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया. वहीं इस मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है और कांग्रेस ने घटना की सच्चाई जानने के लिए जांच कमेटी का गठन किया है. बताया जा रहा है कि यह टीम जल्द ही प्रभावित गांवों में जाकर पूरे मामले की जांच करेगी और पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ स्थानीय ग्रामीणों के भी बयान दर्ज करेगी. जांच पूरी होने के बाद यह रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी जाएगी.
समाजसेवी ने घटना की जांच की मांग
समाजसेवी सोनी सोरी ने भी प्रभावित गांव का दौरा किया और घटना को काफी दुखद बताया. सोनी सोरी ने बताया कि घायल महिला के चार बच्चे हैं, जिसमें उसने एक 6 महीने की मासूम बच्ची को क्रॉस फायरिंग में खो दिया. घटना के 6 दिन बीत चुके हैं, फिर भी घायल महिला से परिवार वालों को मिलने नहीं दिया जा रहा है. इस घटना से घायल महिला को काफी सदमा पहुंचा है. हालांकि अब तक स्थानीय प्रशासन ने इस घटना की सच्चाई जानने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं और ना ही न्यायिक जांच टीम का गठन किया है. सोनी सोरी का कहना है कि "दोषी जो भी हो उन पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए."
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