'नक्सलियों के बारे में जानकारी दें, पायें सरकारी नौकरी और पांच लाख रुपये', पुलिस की पेशकश
Kabirdham News: छत्तीसगढ़ में कबीरधाम पुलिस ने पहली बार पारदर्शी तरीके से इनाम देने की घोषणा की है. पुलिस को उम्मीद है कि नक्सल विरोधी अभियान में नई पेशकश से मदद मिलेगी.
Chhattisgarh News: कबीरधाम पुलिस ने नक्सलियों के बारे में जानकारी देने पर इनाम की घोषणा की है. नक्सलियों की गिरफ्तारी या मारे जाने में पुलिस की मदद करने वाले को आरक्षक की नौकरी और पांच लाख रुपये मिलेगा. मध्य प्रदेश की सीमा से लगे नक्सल प्रभावित जिले में पर्चे और पोस्टर के जरिये इनाम की पेशकश की गयी है. पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया, ''पिछले दो दिनों में नए प्रस्ताव के पर्चे बांटे हैं और पोस्टर चिपकाए हैं.
नक्सल प्रभावित गांवों में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को व्हाट्सएप पर संदेश भी भेजा गया है.'' उन्होंने बताया, ''माओवादी की गिरफ्तारी या मारे जाने में सहयोग करने वाले ग्रामीणों को तत्काल पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. राशि राज्य-केंद्र सरकार की तरफ से घोषित इनाम से अतिरिक्त होगी.''
इस जिले की पुलिस ने किया इनाम का एलान
पल्लव ने कहा, ''सूचना देने वाले को भी बिना परीक्षा दिये जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर भर्ती किया जाएगा. हालांकि, संबंधित व्यक्ति को शैक्षिक और शारीरिक मानक पर पूरा उतरना होगा.'' पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है. इसलिए नक्सली छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा पर नए अड्डे में शिफ्ट होने की कोशिश करेंगे. उन्हें बस्तर की तरह व्यापक समर्थन नहीं है. इस तरह की पेशकश से पुलिस को मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि पुलिस नक्सलियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटा रही है. पल्लव ने कहा, ''आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति में पहले से ही नक्सलियों की गिरफ्तारी या मारे जाने में मदद करने वालों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है. लेकिन पहली बार इसे पारदर्शी तरीके से घोषित किया गया है.''
नक्सलियों के बारे में जानकारी देने की अपील
पुलिस के अनुसार नक्सली 2017-18 से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (एमएमसी-जोन) के ट्राई-जंक्शन जंगल में नया आधार स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें बालाघाट (मध्य प्रदेश), गोंदिया (महाराष्ट्र) और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, मुंगेली और कबीरधाम जिले शामिल हैं.
पुलिस ने बताया कि 'विस्तार प्लाटून' एमएमसी जोन में माओवादियों के गतिविधियों की देखरेख कर रहा है. उनके अनुसार कान्हा-भोरमदेव डिवीजन (जिसमें कबीरधाम-छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से और मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिले शामिल हैं) में माओवादियों का 'विस्तार' प्लाटून सक्रिय है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ''कबीरधाम जिले में पिछले पांच वर्षों के दौरान पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ों में तीन नक्सलियों को ढेर किया है और छह नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.'' उन्होंने बताया, ''कबीरधाम जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर करीब 41 गांव हैं, जहां पिछले दो वर्षों में नक्सलियों की आवाजाही की सूचना मिली है. उनमें से 16 गांव की पहचान अधिक प्रभावित के रूप में की गई है.'' पुलिस अधिकारी ने कहा, ''अब तक हमने इन गांवों में इस्तेमाल किए जा रहे 35 हजार मोबाइल फोन पर नक्सली गतिविधियों की जानकारी के लिए नए प्रस्ताव का संदेश भेजा है.
बिना परीक्षा दिये मिलेगी आरक्षक की नौकरी
अगले एक सप्ताह में एक लाख मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को शामिल किया जाएगा. अधिक प्रभावित के रूप में चिन्हित 16 गांवों तक शत-प्रतिशत पहुंच का लक्ष्य है.'' उन्होंने कहा, ''बाद में हम इन गांवों में घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन के जरिये प्रस्ताव की जानकारी ली जायेगी.'' पल्लव ने बताया कि पिछले एक महीने में जिले की अंतरराज्यीय सीमा पर तीन नए पुलिस शिविर स्थापित किए गए हैं और जल्द ही तीन और शिविर स्थापित किए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ''नक्सलियों की आवाजाही को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमा को सील करने का प्रयास किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह बैगा जनजाति का निवास है. इसलिए इन क्षेत्रों में जनमन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे.