Chhattisgarh Latest News: पुलिस के कार्यों को लेकर शिकायतें तो खूब होती हैं, लेकिन उनकी परेशानियों को लेकर चिंता तनिक भी नहीं होती. पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ कैसे और किन परिस्थितियों में रहते हैं, इसपर न तो अधिकारी न तो जनप्रतिनिधि और न ही आमजन बात करते हैं. 4 थानो वाले कोरिया जिले में दो थाना पटना व चरचा ऐसा है, जहां थाना भवन तो है लेकिन थाना में पदस्थ थानेदार सहित आरक्षक और प्रधान आरक्षक के लिए कोई शासकीय आवास नहीं है.


शासकीय आवास नहीं होने की वजह से थानेदार सहित आरक्षकों को किराये के मकानों या फिर एसईसीएल के पुराने मकानों में अपने परिवार के साथ गुजर बसर करना पड़ता है. किन परिस्थितियों में ऐसे पुलिस कर्मियों के परिजन रहते हैं. इस दौरान वे कई परेशानियों से जूझते हैं. कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में अनेक पुराने जर्जर भवन सहित कुछ नए भवन में पुलिसकर्मी रहते हैं. यहां सालो से पुलिसकर्मियों के लिए बन रहे आवास अधूरे पड़े हैं. 


पटना थाने का शासकीय आवास नहीं
कोरिया जिले का पटना थाना रियासत कालीन थाना की श्रेणी में आता है. पूर्व में यहां पुराने थाना भवन परिसर में थाना प्रभारी सहित आरक्षक व प्रधान आरक्षक के खपरेल शासकीय आवास बने हुए थे. सालों साल तक यहां पुलिसकर्मी अपने परिजन के साथ रहते थे, लेकिन समय के साथ उक्त शासकीय आवासों का नियमित मरम्मत न होने के कारण वो पुराने भवन जर्जर हो गए, जिनमें रहना किसी खतरे से कम नहीं.


सबसे पहले विभाग ने नया थाना भवन, पुराने थाना भवन के सामने बना लिया, लेकिन पुलिस कर्मियों के लिए कोई आवासीय चिंता नहीं रही. कुछ सालो तक उन्हीं जर्जर भवनों में पुलिस कर्मी अपने परिवार के साथ रहते रहे और धीरे धीरे उक्त जर्जर भवन गिरने की स्थिति में आ गई तो सभी खाली करना पडा.


आज स्थिति यह है कि पटना थाना परिसर में बना वर्षो पुराना पुलिसकर्मी आवासीय भवन खंडहर बन चुका है. पटना थाना क्षेत्र में पदस्थ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी अब सालो से किराए के मकान में रहते हैं, लेकिन इनके आवास को लेकर चिंता किसी को नहीं है.


चरचा थाना में नहीं कोई आवास
कोरिया जिले के हाईवे थाना में शामिल चरचा थाना में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों के लिए आज भी कोई शासकीय आवासीय भवन नहीं बनाया जा सका है. यहां पदस्थ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी कोई किराए के मकान में तो कोई जुगाड़ के एसईसीएल के जर्जर आवासीय भवन में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर है. ऐसे में सहज ही समझा जा सकता है कि किन परिस्थितियों में पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ रहते हैं.


पुलिस लाइन में अधूरा शासकीय भवन
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित पुलिस लाईन परिसर में सालों पूर्व पुलिसकर्मियों के आवासीय समस्याओं को दूर करने प्रदेश स्तर से स्वीकृति के बाद बहुमंजिला आवास का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन कुछ वर्षों तक रुक-रुक कर चल रहा काम आखिरकार बंद हो गया. आज करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे पुलिस कर्मियों के लिए शासकीय आवास अधूरा और खंडहर पड़ा है. पुलिस अधिकारियों से पूछे जाने पर कोई स्पष्ट जबाव नहीं मिलता.


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