छत्तीसगढ़ में आरक्षण की राजनीतिक आग भड़क उठी है. हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरी और परीक्षा के लिए 58 प्रतिशत के आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है. केवल 50 प्रतिशत आरक्षण रखने की अनुमति है. ऐसे में राज्य की वर्ग वार आरक्षण में बड़ी उलझन की स्थिति आ गई है. लेकिन इस वक्त पर सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.


बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को बताया आदिवासी विरोधी


दरअसल बुधवार को बीजेपी दिग्गज आदिवासी नेताओं ने रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस किया है. इस दौरान कांग्रेस सरकार को बीजेपी ने आदिवासी विरोधी बताया है और ये आरोप लगाया है कि नान घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस सरकार करोड़ करोड़ रुपए खर्च कर रही है लेकिन आदिवासियों के हक की लड़ाई के लिए अच्छे वकील नहीं रखे गए है. इसके पीछे कांग्रेस ने कोई षड्यंत्र किया है.


बीजेपी के आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने आरोप लगाया कि आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण में 12 प्रतिशत कम हो गया है. इससे जनजाति समाज व्यथित है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने जान बूझकर जनजातियों को कमजोर करने के लिए ऐसा किया.


कांग्रेस ने कहा -बीजेपी ने रिपोर्ट नहीं सौंपी 


बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस भवन में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है. उन्होंने इसके लिए बीजेपी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 2018 तक बीजेपी की सरकार थी तो उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री की अध्यक्षता में बनाई गई कमिटी की रिपोर्ट कोर्ट के सामने क्यों नहीं रखी.


उन्होंने आरोप लगाया कि इस दुर्भाग्य जनक स्थिति के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार डॉ रमन सिंह जिम्मेदार है. भाजपा की नियत में ही खोट है. उनकी सरकार को 2012 से 2018 तक समय था लेकिन उन्होंने अपनी बात नहीं रखी. बीजेपी एक वर्ग का आरक्षण कम कर दूसरे पक्ष का आरक्षण बढ़ाती है.


अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस सरकार


 इसका बाद मोहन मरकाम ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण है उनको कोई परेशानी नहीं हो रही है. हमारी सरकार भी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. कानून के जानकारों का कहना है कि अत्यंत विशेष परिस्थितियों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण रखा जा सकता है. 


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