Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अगले साल यानी 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राज्य की दो मुख्य पार्टी बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने अपने-अपने स्तर पर चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है. यही वजह है कि सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कुछ दिन पहले तक 'भेंट मुलाकात' कार्यक्रम के तहत प्रदेश की जनता का विश्वास एक बार फिर जीतने के लिए विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया.


वहीं दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने और सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी भी नई रणनीति और नेतृत्व के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.


ऐसे में लगातार ये सवाल उठ रहा है कि क्या छत्तीसगढ़ में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बदलने वाला है? क्या पूर्व मंत्री और मौजूदा बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल गुट से कोई नया प्रदेश अध्यक्ष बनेगा? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल शुक्रवार की रात पार्टी के सांसदों के साथ दिल्ली में बैठक करेंगे. वहीं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के साथ-साथ पवन साय भी दिल्ली जा रहे हैं. इन लोगों के साथ नारायण चंदेल की दिल्ली जाएंगे.


जेपी नड्डा से हो सकती है प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की मुलाकात


कहा जा रहा है कि बीजेपी के छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुलाया है. वहीं नारायण चंदेल भी राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने वाले हैं. कुल मिलाकर एक ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या छत्तसीगढ़ बीजेपी में परिवर्तन के दौर की शुरुआत होने वाली है? यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह के सवाल उठ रहे हैं. इससे पहले भी इसी साल मई महीने में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के एक बयान के बाद इस तरह के सवाल उठे थे.


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रमन सिंह ने दिया था ये बयान


रमन सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा था, "कई लोगों ने अध्यक्ष बनने के लिए कपड़े भी सिलवा लिए हैं. अध्यक्ष बनने के लिए हर किसी ने इच्छा पाल रखी है." वहीं उन्होंने ये भी कहा था कि प्रदेश में वर्तमान टीम का कार्यकाल अभी बहुत बाकी है. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई थी कि क्या छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बदला जाएगा. आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान धरमलाल कौशिक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे, लेकिन पार्टी की हार के बाद उन्हें विधानसभा में विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी दी गई.


2018 के चुनाव के बाद बदले जा चुके हैं 2 प्रदेश अध्यक्ष


इसके बाद पार्टी ने आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. उसेंडी करीब एक साल ही अध्यक्ष रहे. इसके बाद पार्टी ने 2020 में विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ बीजेपी का नेतृत्व संभालने का मौका दिया. तब से वही प्रदेश अध्यक्ष बने हुए हैं. गौरतलब है कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेंस को 68 सीटें मिली थीं और बीजेपी को सिर्फ 15 सीटें मिली थीं. वहीं अन्य के खाते में 7 सीटें गई थीं, जिसके बाद बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी.


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