Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षित बेरोजगारों के अगले वित्तीय वर्ष से बेरोजगारी भत्ता देगी. 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका एलान किया. यह साल छत्तीसगढ़ में चुनावी साल है. ऐसे में शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना, युवाओं को साधने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) का ये मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है. सरकार ने महिला, किसान, मजदूर, आदिवासी के बाद युवा वर्ग पर फोकस दिखाया है. बेरोजगारी भत्ता की मांग पिछले 4 सालों से की जा रही थी. अब इसपर फाइनल मुहर लग गई है, लेकिन बीजेपी ने इस पर सवाल उठा दिया है.
कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने
दरअसल, 26 जनवरी को बेरोजगारी भत्ता का देने का एलान हुआ. अगले ही दिन बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर पिछले 4 साल के बेरोजगारी भत्ता देने की मांग कर दी. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बेरोजगारी भत्ता को लेकर गुरुवार को ट्वीट और शुक्रवार को बयान दिया. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि मां बम्लेश्वरी की धरती पर राहुल गांधी ने 2018 के घोषणापत्र में पहले ही बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर दी थी. आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनावी साल में दोबारा यह घोषणा करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं? 4 सालों में जिस कांग्रेस ने सिर्फ घोषणा की, उनसे क्रियान्वयन की कोई उम्मीद नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पहले चार साल के बेरोजगारी भत्ता का पेमेंट हो जाए फिर आगे का देखेंगे.
बीजेपी ने 4 साल के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता का आंकड़ा भी जारी किया. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने बताया कि पिछले चार साल का बेरोजगारी भत्ता 15 हजार करोड़ रुपए है. कांग्रेस सरकार ने 10 लाख से ज्यादा युवा को बेरोजगारी भत्ते के रूप में हर महीने 2500 रुपये देने की घोषणा की थी. 10 लाख युवाओं का हर महीने के 2500 रुपये के बेरोजगारी भत्ते के अनुसार 15 हजार करोड़ रुपए सरकार के पास लंबित है.
क्या कहा कांग्रेस ने?
बेरोजगारी भत्ते को लेकर कांग्रेस पार्टी गदगद है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार जब से छत्तीसगढ़ में बनी है. हर वर्ग के लिए न सिर्फ योजनाएं बनाई जा रही है, बल्कि योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है. बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की बौखलाहट है कि कांग्रेस पार्टी का युवाओं के प्रति प्रतिबद्धता है, जिस प्रदेश में मात्र आधा फीसदी ही बेरोजगारी दर है. आधा फीसदी युवाओं के लिए सोचना भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता है. 2003 में बीजेपी ने भी 500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन कभी नहीं दिया.
गौरतलब है कि 2018 विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था. अब इस वादे को सरकार के आखिरी साल में पूरा किया जा रहा है. आने वाले बजट सत्र में बेरोजगारी भत्ता को लेकर प्रावधान किया जा सकता है. हालांकि ये अबतक तय नहीं हुआ है कि किस आधार आप और कितने शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता दिया जाएगा.
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