Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 (Chhattisgarh Assembly Election 2023) के लिए बीजेपी (BJP) की राजधानी रायपुर (Raipur) से दूर धमतरी (Dhamtari) में एक दिवसीय बैठक हुई थी. इस बैठक में गिने-चुने नेताओं को शामिल किया गया था. बैठक में आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी ने फाइनल रोड मैप तैयार किया, लेकिन इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बैठक में कुछ दिग्गज बीजेपी नेताओं को नहीं बुलाने का आरोप लगा दिया है.

 

दरअसल गुरुवार को राजधानी रायपुर से 90 किलोमीटर दूर धमतरी जिले के गंगरेल डैम रिजॉर्ट में बीजेपी की एक बड़ी बैठक हुई है. इस बैठक को मिशन 2023 की फाइनल तैयारी मानी जा रही है. वहीं आगामी जमीनी लड़ाई के लिए भी रूपरेखा तैयार की गई है. खासकर आदिवासी आरक्षण के मामले में बीजेपी बड़े आंदोलन करने जा रही है. इसी महीने में तीन संभागों में चक्का जाम किया जाएगा. इसकी तैयारी भी बैठक में की गई है.

 

विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का रोड मैप तैयार

रिजॉर्ट में हुई बैठक के बाद पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने 2023 में सरकार बनाने के दावा किया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार किया है. इसके लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई गई हैं. इनको एक समय सीमा के भीतर रिपोर्ट देनी होगी. 2023 में हम सत्ता में आएंगे ही. आगे उन्होंने आदिवासी आरक्षण घटने पर कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और सतनामियों की हालत खराब, इनके सामने संवैधानिक संकट की स्थिति है. वर्तमान में आरक्षण रोस्टर की नीतियों को लेकर असमंजस की स्थिति है. सरकारी नियुक्तियां कैंसिल हो रही हैं. बड़ा अत्याचार दोनों समुदाय के साथ हो रहा है, लेकिन सरकार इसका ठीकरा विपक्ष पर फोड़ कर गुमराह कर रही है.

 


 

सीएम ने कहा- बीजेपी के अंदर अविश्वास का वातावरण 


इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में बीजेपी के कुछ दिग्गज नेताओं को नहीं बुलाए जाने पर सवाल उठाया है. उन्होंने शुक्रवार को रायपुर हेलीपैड में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे पता चला है कि बहुत सारे नेताओं को बुलाया ही नहीं गया है. एक अविश्वास का वातावरण बीजेपी के अंदर ही है. इस बैठक में बड़े नेताओं को दूर रखा गया है. इसी से पता चल रहा है कि प्रदेश में बीजेपी के अंदर ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. प्रभारी बदलने के बाद गोपनीय ढंग से बैठक की गई है. इससे बहुत सारे संदेहों को जन्मदेता है.

 

बैठक में इन नेताओं को नहीं बुलाया गया

गौरतलब है कि इस बैठक में मंत्री रह चुके राजेश मूणत, अमर अग्रवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडे को नहीं बुलाया गया था. वहीं बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, सरोज पांडे, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर के साथ कई राज्य स्तर के पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए थे.