Chhattisgarh Latest News: पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र पर बने रामसेतु के अस्तित्व को लेकर संसद में छिड़ी बहस के बीच छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस पर बयान देते हुए कहा कि बीजेपी को देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए. संसद में सरकार ने कहा है कि रामसेतु के वजूद के पूरे सबूत अभी नहीं मिले हैं.
इस पर सीएम बघेल ने रायपुर में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि जब कांग्रेस ने यही बात कही थी तब कहा गया था कि ये राम विरोधी हैं. आज खुद ये तथाकथित रामभक्त हैं, इनकी जो सरकार है वो सदन में ये कहते हैं कि इसके पुख्ता सबूत नहीं है, अब इसको किस श्रेणी में रखा जाएगा. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को माफी मांगनी चाहिए. देश से माफी मांगनी चाहिए किस प्रकार से देशवासियों को गुमराह किया गया और आज जिस प्रकार का बयान दे रहे हैं तो उन्हें देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए.
पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र में बने रामसेतु को लेकर लगातार बहस होती रही है. इसी बीच अब केंद्र सरकार की तरफ से संसद में इसे लेकर जवाब दिया गया है. सरकार ने कहा है कि रामसेतु के वजूद के पूरे सबूत अभी नहीं मिले हैं. हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार हमारे गौरवशाली इतिहास को लेकर कोई साइंटिफिक रिसर्च कर रही है? क्योंकि पिछली सरकारों ने लगातार इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी. उनके इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब दिया.
सरकार की तरफ से जवाब देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, मुझे खुशी हो रही है कि हमारे सांसद ने रामसेतु को लेकर सवाल किया. इसे लेकर हमारी कुछ सीमाएं हैं. क्योंकि ये करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है. जिस ब्रिज की बात हो रही है वो करीब 56 किमी लंबा था. स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए हमने पता लगाया कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए हैं, इनमें कुछ ऐसी आकृति है जो निरंतरता को दिखाती हैं.
समुद्र में कुछ आइलैंड और चूना पत्थर जैसी चीजें दिखीं हैं. अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है. हालांकि कुछ संकेत ऐसे भी हैं जिनसे ये पता चलता है कि स्ट्रक्चर वहां मौजूद हो सकता है. हम लगातार प्राचीन द्वारका शहर और ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रहे हैं.
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