केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने शनिवार को दावा कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में ताम्रध्वज साहू को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर साहू समाज का वोट लिया और चुनाव जीतने के बाद साहू की जगह भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बना दिया.
राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत के साथ मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक थे.
राज्य के रायगढ़ जिले के खरसिया विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की परिवर्तन यात्रा के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और श्रम राज्य मंत्री तेली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लोगों से किए वादों को पूरा नहीं किया.
असम से सांसद तेली ने कहा कि वह साहू समुदाय से हैं और उनके परिवार की जड़ें इसी क्षेत्र (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) में हैं.
केंद्रीय मंत्री तेली ने रैली में कहा, ''कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू अपने परिवार के साथ असम से विमान में यात्रा कर रहे थे. उसी विमान में हमारे एक सांसद भुवनेश्वर कलिता भी यात्रा कर रहे थे जो हाल ही में BJP में शामिल हुए हैं और पिछले चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रहे थे. कलिता ने मुझसे पूछा कि क्या ताम्रध्वज को पहचाना हूं ? मैंने जवाब दिया कि हां, ये छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री हैं.’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘कलिता ने उन्हें बताया कि पिछले चुनाव में जब वह प्रभारी था तब कांग्रेस ने ताम्रध्वज साहू के नाम पर साहू समाज से वोट लिया और झूठ बोला कि चुनाव जीतने पर ताम्रध्वज साहू को मुख्यमंत्री बनाएंगे. चुनाव जीतने के बाद भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बना दिया.''
तेली ने कहा, ''कलिता जी ने ताम्रध्वज साहू के सामने यह बात कही कि कांग्रेस ने राज्य में साहूओं को धोखा दिया. कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो वादे तो करती है लेकिन उन्हें पूरा करने में विफल रहती है.''
उन्होंने लोगों से महेश साहू को चुनने का आग्रह किया, जिन्हें पार्टी ने आगामी चुनाव के लिए खरसिया सीट से चुनाव मैदान में उतारा है.
तेली ने आमसभा को कुछ समय स्थानीय भाषा में भी संबोधित किया और कहा कि जब भी उनके घर छत्तीसगढ़ से मेहमान आते हैं तो वे उनसे इसी भाषा में बात करते हैं.
उन्होंने कहा, ''ऐसा कहा जाता है कि लगभग 200 साल पहले, हमारा परिवार आजीविका की तलाश में इस क्षेत्र से असम चला गया था. अब हम असमिया बन गए हैं. असम एक लघु भारत है.''
उन्होंने कहा, ''मैं छत्तीसगढ़ी सहित आठ-नौ भाषाएं बोल सकता हूं.''
कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में BJP को हराकर उसे 15 वर्ष के शासन से हटाया था. माना जाता है कि साहू समाज ने भी कांग्रेस का समर्थन किया था.
राज्य में साहू समाज की आबादी लगभग 14 फीसदी है. राज्य के मैदानी इलाकों में बसे साहू समाज के लोग मुख्य रूप से किसान हैं. समाज का कुछ वर्ग व्यापार भी करता है.
BJP ने 2018 के चुनाव में साहू समाज से 14 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, जिनमें से 13 उम्मीदवार चुनाव हार गए थे. BJP ने पिछले वर्ष साहू समाज से आने वाले पार्टी के सांसद अरुण साव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.
BJP ने पिछले महीने राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर 21 सीटों (कुल 90 सीटों में से) पर उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें से दस अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और एक अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. गैर-आरक्षित सीटों पर मैदान में उतरे 10 उम्मीदवारों में से चार साहू समाज से हैं.