छत्तीसगढ़ में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में सभी दल के नेता चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं, इधर कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायकों की रिपोर्ट कार्ड जानने सर्वे कराने का कार्य भी शुरू कर दिया है, बकायदा सर्वे टीम विधायकों के परफॉर्मेंस की रिपोर्ट कार्ड कांग्रेस के आलाकमान को सौंप रही है.
वहीं हाल ही में आई कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में 35 फीसदी की सीट खतरे में होने की बात सामने आने से अब सभी वर्तमान कांग्रेसी विधायक अपनी अपनी सीट को अगले चुनाव के लिए मजबूत करने पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. वहीं इस रिपोर्ट के बाद बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों के विधायकों में भी खलबली मची हुई है और विधानसभा सत्र समाप्त होने के साथ ही सभी विधायक वापस लौट कर अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा रहे हैं.
12 सीटों में से बदल सकते हैं कुछ चेहरे?
दरअसल हाल ही में कांग्रेस के आलाकमान ने एक इंटरनल रिपोर्ट जारी किया था जिसमें कहा गया है कि 90 विधानसभा सीटों में 35 फीसदी विधायकों की सीट खतरे में है. इस इंटरनल रिपोर्ट पर मंत्री अमरजीत भगत ने भी बयान जारी किया था. इस रिपोर्ट के बाद राजनीति गलियारों में चर्चा है कि बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में भी कुछ विधायकों की परफॉर्मेंस कमजोर होने से उनकी टिकट कट सकती है, यह भी कहा जा रहा है कि इन 12 सीटों में से 8 से अधिक विधायकों की सीट खतरे में है.
हालांकि सभी वर्तमान विधायक अपनी-अपनी परफॉर्मेंस को लेकर दोबारा टिकट पाने की पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन कांग्रेस के आलाकमान के द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक बस्तर के 12 विधानसभा सीटों में 7 से 8 सीटों की परफॉर्मेंस काफी कमजोर बताई जा रही है. साथ ही इस बार के चुनाव में उनके चेहरे बदलने के भी गुंजाइश है. इधर इस इंटरनल रिपोर्ट के बाद सभी विधायकों ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है, साथ ही अपने विधायक निधि से भी ग्रामीणों को विकास कार्यों की सौगात दे रहे हैं.
साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार दौरा कर मजबूत करने में जूटे हुए हैं. पत्रकार एवं राजनीतिकार मनीष गुप्ता का कहना है कि साल 2018 के चुनाव में यह पहली बार ऐसा हुआ कि 12 के 12 सीटों में कांग्रेस जीत कर आई, हालांकि बस्तर की जनता का भी कहना है कि 5 साल में अपने अपने क्षेत्र में जो विकास कार्य विधायकों के द्वारा कराया जाना था वह नहीं हो पाया है, ऐसे में चेहरे बदलने की पूरी गुंजाइश है, लेकिन किन-किन सीटों में चेहरे बदलेंगे यह अभी कह पाना मुश्किल है.
मनीष गुप्ता का कहना है कि आने वाला विधानसभा चुनाव बस्तर में काफी रोमांचक होगा और बीजेपी और कांग्रेस के बीच इन 12 सीटों में कांटे की टक्कर हो सकती है, फिलहाल इस रिपोर्ट के बाद छत्तीसगढ़ के अन्य विधायकों के साथ ही बस्तर के भी 12 विधानसभा सीटों के कांग्रेसी विधायक अपने परफॉर्मेंस सही करने अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार दौरा करने में जुट गए हैं, साथ ही दोबारा टिकट पाने अपनी अपनी सीट को मजबूत बता रहे हैं.
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