Chhattisgarh News: भारत डिजिटल इंडिया की ओर से लगातार बढ़ रहा है. भारत के वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार विज्ञान के क्षेत्र में कई अहम शोध कर रहे हैं. जिससे समाज और लोगों जीवन आसान बना दिया है. ऐसे ही इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ के भिलाई रूंगटा कॉलेज के R1 के इंजीनियरिंग के फैकल्टी ने एक पेननुमा डिवाइस बनाया है. जिससे आप आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप चाह कर भी आत्महत्या नहीं कर सकते. यह पेननुमा डिवाइस आपको आत्महत्या से रोकेगा.


डिप्रेशन की वजह से बढ़े आत्महत्या के मामले
आज दौर में बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ रहा है. लोग जरा से डिप्रेशन में आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. आज के दौर में डिप्रेशन और अन्य किसी वजह से लोग आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठा लेते हैं. लोगों को  लगता है कि अब हम कुछ नहीं कर सकते.  इसी वजह से लोग आत्महत्या करने जैसे आसान रास्ते को अपनाते हैं,  लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. भिलाई रुंगटा कॉलेज R1 के इंजीनियर ने तकनीक के जरिए एक पेननुमा डिवाइस तैयार किया है. जिससे आत्महत्या जैसे मामलों में कमी आएगी.




ये डिवाइस आपको आत्महत्या करने से रोकेगा
भिलाई के रूंगटा R1 इंजीनियरिंग कॉलेज की कंप्यूटर साइंस विभाग फैकल्टी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर ऐसा डिवाइस तैयार किया है. जो डिप्रेशन लेवल, फेस एक्सप्रेशन, बोलने के तरीके और हावभाव का एनालिसिस करके सुसाइडल टेंडेंसी का पता लगाएगा. पैन के आकार के इस डिवाइस का नाम है, सुसाइड टेंडेंसी डिटेक्टिंग स्कैनर रखा गया है. इस डिवाइस को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने सभी पहलूओं को परखने के बाद पेटेंट जारी कर दिया है. शोधकर्ताओं ने बताया कि ये डिवाइस स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस, औद्योगिक और सामान्य ऑफिसों में उपयोग होगी. इससे डिप्रेशन से परेशान लोगों की मॉनिटरिंग करके उन्हें सुसाइड की तरफ जाने से पहले ही रोका जा सकेगा.


इस उपकरण में करोड़ों हावभाव और व्यवहार फीड हैं. जिसे स्कैनर मैच करेगा. उपकरण में लगा सुपर कैमरा चेहरे को स्कैन करने के साथ ही बातों के दौरान आने वाले उतार चढ़ाव और बदलावों का पता लगाएगा. उपकरण को काउंसलिंग के दौरान पेन की तरह टेबल पर रखा जाएगा. जिससे व्यक्ति को इसकी मौजूदगी महसूस नहीं होगी और वह सहज रूप से सारी बातें साझा करता चला जाएगा. काउंसलर के सवाल पूछने के दौरान ही ये जवाबों का एनालिसिस भी करता रहेगा. यह आत्महत्या की प्रवृत्ति का ग्राफ बनाएगा. जिसके आधार पर उसे आगे डाक्टर या थैरेपी के लिए भेजा जा सकेगा.


स्कूल, कॉलेज और पुलिस के लिए काफी उपयोगी होगा यह डिवाइस


भारत सरकार द्वारा पेटेंट बनने के बाद रूंगटा R1 कॉलेज मैनेजमेंट इसे अस्पताल, स्कूल और कॉलेजों को टेस्टिंग के जरिए सौंपेंगा. पुलिस विभाग को इससे मदद मिलेगी. आए दिन बढ़ रहे सुसाइड मामलों की रोकथाम के लिए कॉलेज टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने जा रहा है.  जिसको देखते हुए एक निजी कंपनी ने भी इसमें रुचि दिखाई है. इसको तैयार करने में फैकल्टी डॉ अजय कुशवाहा, डॉ. शाजिया इस्लाम, प्रो. मीनू चौधरी, प्रो. तृप्ति शर्मा, प्रो. निलाभ साव और अनीशा सोनी शामिल रहे.


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