Profiteering in Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में सांठगांठ (Nexus) का अनोखा मामला सामने आया है. पहली बार सरकारी पैसे से मुनाफाखोरी (Profiteering) का खेल उजागर हुआ है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुआवजे की राशि से अधिकारी ब्याज (Interest) कमाने में लगे थे. योजना की राशि से ब्याज कमाने का खेल उजागर होने पर जिम्मेदार अधिकारियों ने गलती स्वीकारी है और कहा है कि किसानों को फसल बीमा के पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा. मामला रायपुर संभाग के पांच जिलों का है.


फसल बीमा की राशि से ब्याज कमाने का अनोखा खेल


किसानों की फसल खराब होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का 195 करोड़ रुपए मिला था. बीमा कंपनी को राशि पात्र किसानों के खाते में डीबीटी के जरिए सीधे ट्रांसफर करना था. लेकिन बीमा एजेंसी ने सांठगांठ कर 195 करोड़ रुपए जिला सहकारी बैंक को ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद पात्र नहीं होने के बावजूद जिला सहकारी बैंक ने कुछ किसानों का भुगतान किया और बाकी राशि को ब्याज के लिए निजी बैंक में ट्रांसफर कर दिया गया.


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बीजेपी नेता ने जिला सहकारी बैंक में किया हंगामा


बीजेपी के किसान नेता गौरशंकर श्रीवास ने इस मुद्दे पर जिला सहकारी बैंक के दफ्तर में जमकर हंगामा किया. उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि रायपुर संभाग के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला रहा है. पात्र नहीं होने के बावजूद जिला सहकारी बैंक कुछ किसानों को भुगतान कर रहे हैं और बाकी किसानों को मुआवजा नहीं दे रहे. निजी बैंक में पैसे ट्रांसफर कर करोड़ों रुपए ब्याज कमाए जा रहे हैं. अधिकारी से किसानों का डाटा मांगा गया लेकिन अबतक कोई डाटा नहीं मिला है. कृषि संचालक यशवंत कुमार ने पत्र लिखकर इस मामले को को सही नहीं माना और आपत्ति दर्ज करते हुए जवाब मांगा है.


अधिकारियों ने स्वीकारी गलती, दिया ये आश्वासन


जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस के जोशी ने मीडिया के सामने गलती स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि गलती से पैसे आ गए हैं लेकिन इसका हल निकाल लिया गया है. किसानों को जल्द प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि का भुगतान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब से डीबीटी योजना लागू हुई है, सरकार को किसानों के खाते में डायरेक्ट राशि ट्रांसफर करनी थी लेकिन बीमा कंपनी ने किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर ना कर हमारे बैंक के खातों में गलती से कर दी. किसानों के खाते में पैसे भेजने के लिए बीमा कंपनी से डाटा मांगा था. उन्होंने कहा कि किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए राशि हस्तांतरित करने में समय लग रहा था. अब इसका भी हल निकाल लिया गया है. बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही पूरी राशि बीमा कंपनी के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी. 


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