CGPSC Exam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने बदला प्रश्नों का पैटर्न, एक्सपर्ट ने बताई तैयारी करने की रणनीति
CG PSC Quesion Paper Changed: जनरल स्टडी में 200 नंबर के 100 प्रश्न पिछले वर्ष से कठिन थे. मल्टी स्टेटमेंट वाले प्रश्नों ने बहुत कंफ्यूज किया. पेपर UPSC की तर्ज पर और प्रश्न भी UPSC पैटर्न पर आए थे.
PSC Quesion Paper in Chhattisgarh Chnaged: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की रविवार को 171 पोस्ट के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित हुई. 1 लाख 30 हजार परीक्षार्थियों में 73 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा दी. इस बार का पेपर पिछले वर्ष की तुलना में काफी टफ होने की वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि कट-ऑफ कम जाएगा. इस वर्ष सीजी पीएससी के प्रतिभागी परीक्षा को लेकर निराश नजर आए. अब बदले प्रश्नों के पैटर्न पर विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया दी है.
पिछले तीन वर्षो से सीजी पीएससी की परीक्षा दे रहे यश वाधवा ने बताया कि पहले के पेपर में लगता था कि पढ़े हुए सब्जेक्ट में से प्रश्न आएं हैं लेकिन इस वर्ष नए प्रश्नों ने चौंका दिया. जनरल स्टडी में 200 नंबर के 100 प्रश्न पिछले वर्ष से कठिन थे. मल्टी स्टेटमेंट वाले प्रश्नों ने बहुत कंफ्यूज किया. पिछले 2 वर्षों से पेपर दे रहे रत्नेश जांगड़े ने कहा कि इस बार प्रारंभिक परीक्षा निकालना कठिन है. पेपर UPSC की तर्ज पर और प्रश्न भी UPSC पैटर्न पर आए थे. पढ़ाई का स्तर गुजरते समय के साथ और बढ़ाना पड़ेगा.
पिछले एक दशक से सिविल सेवा के छात्रों को पढ़ा रहे सीजी पीएससी विशेषज्ञ मुरली मनोहर देवांगन ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि इस बार प्रारंभिक परीक्षा में संविधान, राजव्यवस्था, स्थानीय भाषा से संबंधित प्रश्न ज्यादा आए थे. इतिहास और कला की अति अल्पता ने छात्रों को निराश किया है. करंट अफेयर्स और विज्ञान से पूछे गए प्रश्न परंपरागत तरीके से काफी अलग देखने को मिले. राज्य से संबंधित प्रश्नों में नयापन रोचकता लाने का एक प्रयास है. UPSC की तर्ज पर नावाचार लाना प्रश्न पत्र को प्रतिभागियों के लिए चुनौतीपूर्ण और थोड़ा बोझिल सा बना दिया है.
क्यों बदला सीजी पीएससी ने प्रश्नों का पैटर्न?
विशेषज्ञ मुरली मनोहर देवांगन ने बताया कि अब राज्य में UPSC निकालने वाले छात्रों की स्थिति देखें तो बहुत कम हैं या फिंगर काउंटेड है. छत्तीसगढ़ से छोटे राज्य की संख्या हमसे बेहतर है. इसका बड़ा कारण UPSC और सीजीपीएससी के बीच में विसंगति थी. सिलेबस जरूर एक समान दिखते थे, लेकिन प्रश्नों का स्तर UPSC के लेबल को टच कर पाने योग्य नहीं था. लेकिन अब लगता है कि इन दो वर्षो में प्रतिभागी पढ़ाई का स्तर बढ़ाना चाहेंगे और इसे अच्छा संकेत माना जा सकता है, क्योंकि एक 'कुंजी' व्यवस्था थी. उसे बदलकर रिफ्रेंस बुक या स्टैंडर्ड बुक में कन्वर्ट करना होगा.
अब इस रणनीति के साथ करनी होगी तैयारी
बदले पैटर्न और UPSC के लेबल की पढ़ाई के लिए छात्रों को नई रणनीति बनानी होगी. विशेषज्ञ मुरली मनोहर देवांगन के मुताबिक इस वर्ष की परीक्षा में नए छात्रों के लिए सीख होनी चाहिए. उनके लिए एक बेहतर दिशा निर्देश है कि परीक्षा की तैयारी शुरू करने वाले प्रतिभागियों को एनसीईआरटी स्टैंडर्ड बुक के माध्यम से राज्य स्तरीय और भारतीय स्तरीय संदर्भ में विषयों को गहन अध्यन के माध्यम से सीजी पीएससी की तैयारी करें. छात्रों को अब शुरुआती दौर से बदलते पैटर्न पर पढ़ाई करनी होगी. प्रतिभागी अन्य राज्यों के साथ केंद्रीय परीक्षा में क्वालीफाई करने के लिए बेहतर स्थिति पर आ जाएंगे. लेकिन अचानक ऐसे परिवर्तन से बच्चों को बोझिल सा जरूर कर देंगे. हालांकि कई वर्षों से तैयारी कर रहे छात्रों के लिए ये नयापान तो जरूर है लेकिन उनके लिए ये बेहतर स्थिति होगी.
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