Chhattisgarh Crime: अक्सर कलयुगी बच्चों की कहानी मीडिया में सुर्खियों में रहती है. बुजुर्ग मां बाप पर बेटे के अत्याचार की खबरें होती है. लेकिन आज आपको ऐसी खबर बताने जा रहे है जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी. माता पिता ने बेटे की हत्या कर इस घटना को एक्सीडेंट बनाने के लिए फिल्म की कहानी की तरह अंजाम दिया है. वहीं हत्या की वजह जानकर भी आप हैरान हो जाएंगे.
दरअसल ये मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के का है. जहां 6 अप्रैल को लैलूंगा क्षेत्र के लोहडा पानी टोकरी रोड के पास एक युवक की बॉडी मिली थी. ये बॉडी 11 वीं क्लास में पढ़ रहे 18 साल के टेकमणी पैंकरा का था. इस बॉडी की पहचान करते मृतक के मामा ने पुलिस थाने में इसे एक्सीडेंट बताया और साथ में युवक के माता पिता ने भी इस एक्सीडेंट बताकर केस को रफा दफा करने के चक्कर में थे. लेकिन पुलिस ने युवक के चोट के निशान से शंका में थी. इसके बाद जब पीएम रिपोर्ट आई तो पुलिस को पता चला की एक्सीडेंट नहीं युवक की हत्या हुई है.
युवक की हत्या कर परिजन बता रहे थे एक्सीडेंट
रिपोर्ट में मृत युवक के मामा अशोक कुमार पैंकरा ने कहा कि टेकमणी पैकरा जिले के कोतबा होस्टल में रहकर कक्षा 11 वीं में पढ़ाई करता था. बीते 5 अप्रैल को हॉस्टल से घर आया था और शाम को 4 से 5 बजे के करीब घर से मोटरसाइकिल में घूमने गया निकला था. दूसरे दिन युवक की मां उसे ढूंढने निकला तो टेकमणी का बॉडी गांव से थोड़ी दूर माड़ो गुफा रास्ते मोड़ के पास सड़क किनारे पड़ा मिला था. इसके साथ बाइक भी बॉडी के पास मिली थी. इस घटना को परिजनों ने एक्सीडेंट बताया और टेकमणी को खुद से गिरकर मौत होने की बात कहीं गई.
पीएम रिपोर्ट से हुआ हत्या की कहानी का खुलासा
रायगढ़ पुलिस को इस एक्सीडेंट के मामले में संदेह तब सच में बदल गया जब पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि युवक की मौत एक्सीडेंट से नहीं उसकी हत्या की गई है. युवक का गला दबाने, दम घुटने और सिर में जख्म के निशान तेज प्रहार की कहानी बता रहा था. डॉक्टरों ने ये भी कहा कि चोट से अत्यधिक खून बहने से युवक की मौत हुई है. इस रिपोर्ट के बाद लैलूंगा थाना ने इस मामले में जांच पड़ताल तेजी से शुरू कर दिया. परिजनों के बयानों में पुलिस को शंका थी. इस लिए पुलिस ने युवक के घर का निरीक्षण किया.
घर में खून के निशान मिटाने के लिए क्या किया?
लैलूंगा थाना प्रभारी के साथ सहयोगी स्टाफ जब मृत युवक के घर पहुंचे तो उन्हें कई ऐसे निशान मिले जिससे उनका हत्या के पूछे का अंधेरा छटने लगा. क्योंकि घर के आंगन में गोबर से लिपाई की गई थी. जमीन में कई जगह हल्की खुदाई यानी जमीन के ऊपरी परत को छीलकर निकाला गया था. घर के आंगन, चौखट, बाड़ी में खून के दाग के निशान दिखे. इसे युवक के माता पिता ने मुर्गा का खून बताया. लेकिन पुलिस ने तुरंत फोरेंसिक टीम बुलाई. खून के सैंपल लिए गए तो रिपोर्ट में इसे एक इंसान का खून बताया गया.
बेटे के पीछे माता पिता ने बताई पूरी कहानी
इसके बाद लैलूंगा पुलिस ने माता पिता को शक आधार पर हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की. तब एक्सीडेंट की कहानी का एक और चैप्टर खुला जिसमे कैसे हत्या की गई और क्यों हत्या की गई इसकी कहानी का खुलासा हुआ. युवक के माता पिता ने पुलिस को बताया कि 5 अप्रैल को टेकमणी होस्टल से घर आया था. इसके बाद शाम को टेक मणी बाइक लेकर घूमने गया और देरी से घर वापस पहुंचा.
इतने में युवक की मां कर्मावती पैंकरा ने अपने बेटे से कहा पढ़ाई लिखाई करते नहीं हो केवल घूमा करते रहते हो. मां की डांट सुनकर टेकमणी गुस्सा आ गया. दोनो के बीच जमकर विवाद हुआ. इसे देखकर युवक के पिता कुहूरू पैंकरा बीच में कूद गए. विवाद इतना बढ़ गया कि पिता ने डंडे से बेटे टेकमणी के सिर पर जोरदार हमला किया. इसके बाद टेक मणी वहीं गिर गया और अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई.
खून के निशान मिटाने का किया गया प्रयास
रायगढ़ पुलिस ने इस हत्या को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए युवक के हत्यारे माता-पिता ने बेटे के बॉडी को बोरे में भरकर सड़क किनारे फेंक दी. इस दौरान उसने मोटरसाइकिल भी वहीं छोड़ दी ताकि लोगों ये हत्या एक्सीडेंट लगे. इसके बाद रात को ही घर में जहां जहां खून के छींटे थे वहां की जमीन को छिलाई कर गोबर से लिपाई की गई. डंडे और बोरे को आग लगा दी ताकि किसी को हत्या के निशान न मिल सके. पुलिस ने इस मामले में हत्या और साक्ष्य छुपाने के आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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