Raigarh News: सरकारी व्यवस्था भी अजीब है. बिना पड़ताल किए किसी को भी मरा घोषित करना इनके बाएं हाथ का खेल है और इसी सरकारी सिस्टम का शिकार एक बुजुर्ग तकरीबन चार साल से झेल रहा है. वहीं ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव से कई बार गुहार लगाने के बाद भी सरकारी फाइलों में उसे जिंदा ना किया जा सका, ऐसे में अब एक तरफ जहां पंचायत के सरपंच सचिव की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे है. वहीं दूसरी ओर सरकार के सिस्टम पर से भी भरोसा उठने लगा है.


ये वाकया रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत जबगा का है. जहां बुधराम मझवार नामक बुजुर्ग पिछले लगभग 4 साल से पेंशन के लिए भटक रहा है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बुजुर्ग की पत्नी ने बताया कि उसे पहले पेंशन मिला करता था, लेकिन अचानक उसका पेंशन आना बंद हो गया. इसके बाद कई बार गांव के जनप्रतिनिधियों से पेंशन चालू करवाने की बात कही गई, किंतु उनके द्वारा किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दिया गया. 


ऐसे हुआ खुलासा
वहीं बुधराम मझवार के द्वारा गांव में चल रहे मनरेगा के कार्य में मजदूरी की गई, लेकिन जब उसके खाते में मजदूरी की राशि नहीं आई तो गांव के ही कुछ जागरूक युवाओं के द्वारा धरमजयगढ़ जनपद आकर इसकी छानबीन की गई, तो पता चला कि सरकारी फाइलों में बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया गया है. इसके बाद इस विषय को लेकर जब ग्राम पंचायत जबगा के सरपंच और सचिव से बात की गई तो दोनो के हाथ पांव फूलने लगे और आनन फानन में बुजुर्ग को जिंदा करने का जुगाड़ लगाने लगे.


बुजुर्ग खुद को जिंदा करने की लगा रहा गुहार
बुजुर्ग की पत्नी ने बताया कि उसके पति को सरपंच-सचिव के द्वारा सरकारी फाइलों में मार दिया गया है. इसकी वजह से सरकार के किसी भी योजना का उसे लाभ नहीं मिल रहा है. पेंशन मिलता था तो काफी राहत थी लेकिन उसे बंद हुए लगभग चार साल हो गए और इन चार सालों में कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाया गया लेकिन अब पता चला कि उसे पेंशन क्यों नहीं मिल रहा है.


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