(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में अहम बैठक, रायपुर एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाने का फैसला, सीएम भूपेश ने ये रखी मांगे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक हुई है. बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के विकास को ध्यान में रखकर कई मांगें रखीं
मध्य प्रदेश राज्य में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक हुई है. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के प्रमुख अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मांगों को केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष रखा इसके अलावा कुछ मांगों पर सहमति भी बन गई. इसमें राजधानी रायपुर के एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाने का निर्णय लिया गया है.
छत्तीसगढ़ के सुझाए 8 एजेंडों पर बैठक में हुई चर्चा
दरअसल सोमवार को भारी बारिश के बीच मध्य प्रदेश में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई है. इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सिलसिले में कई मांगे रखी है. इसके अलावा ये बैठक छत्तीसगढ़ के लिहाज से काफी खास रही है. क्योंकि बैठक के 19 एजेंडा में 08 अजेंडा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुझाए गए थे. दूसरे राज्यों की बात करें तो मध्यप्रदेश सरकार के 03, उत्तरप्रदेश सरकार का 01 और उत्तराखंड शासन के 02 एजेंडा चर्चा में लिए गए थे. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट को ‘इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ का दर्जा और सर्वसुविधायुक्त कार्गो हब की स्वीकृति का आग्रह किया है.
बैठक में रायपुर एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाने का निर्णय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रस्ताव पर मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गये है. इसमें रायपुर एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाने का निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार की मांग पर कोदो, कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्र सरकार घोषित करेगी. वहीं गोधन न्याय योजना अंतर्गत निर्मित वर्मी कम्पोस्ट को रासायनिक खाद की तर्ज़ पर Nutrition Based Subsidy का लाभ देने का भी इस बैठक में निर्णय लिया गया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठक में अपना पक्ष रखा है.
राज्य सरकारों को विकास के समुचित अधिकार दिए जाने की मांग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारे संविधान ने भारत को राज्यों का संघ कहा है. इस लिए राज्य की अपनी भूमिका और अधिकार निहित हैं. हमने आजादी की गौरवशाली 75वीं सालगिरह मना ली है. इस परिपक्वता के साथ अब सर्वोच्च नीति नियामक स्तरों पर भी यह सोच बननी चाहिए कि राज्यों पर पूर्ण विश्वास किया जाए और राज्यों की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विकास के समुचित अधिकार राज्य सरकारों को दिए जाए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सड़क बनाने के लिए मांगा पैसा
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अंतर्गत निर्मित सड़कों में लगभग 426 बड़े पुल छूटे हुए हैं और नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में 154 सड़कें जिनकी लंबाई 562 किलोमीटर स्टेज-1 जीएसबी स्तर तक पूर्ण हो चुकी हैं. अब स्टेज-2 की स्वीकृति की आवश्यकता है. दोनों कार्यों की अनुमानित लागत 1 हजार 700 करोड़ रुपए है. अनुरोध है कि इसके लिए स्वीकृति प्रदान की जाए.इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों को पूरा कर के अधिक समय मांगा है. क्योंकि सितंबर 2022 तक निर्धारित समय समाप्त हो जायेगी.
पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में छत्तीसगढ़ को ए ग्रुप में रखने की मांग
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि नक्सलवादी क्षेत्रों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों के 40 कैम्प स्थापित किए गए हैं. हमने 15 अतिरिक्त केन्द्रीय सशस्त्र बल की मांग की है, जिसमें ‘बस्तरिया बटालियन’ और ‘आईआर बटालियन’ शामिल है. ‘पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना’ में समूह ’ए’ में जम्मू और कश्मीर सहित 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों को 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता और बाकी राज्यों को समूह ’बी’ के अंतर्गत 60 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता दी जाती है. छत्तीसगढ़ को 40 प्रतिशत राशि राज्य के अंशदान के रूप में देना होता है. इसपर मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है की छत्तीसगढ़ को समूह ‘ए’ में रखा जाए.
केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का अंश कम करने का आरोप
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बैठक में केंद्र सरकार पर केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का अंश लगातार कम करने आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके चलते राज्य शासन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है. सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी नरेगा के पिछले दो सालों से सामग्री के लिए भुगतान भारत सरकार से कम और देरी से किया जा रहा है.
वर्तमान में राशि 332 करोड़ रुपए भारत सरकार से प्राप्त होना बाकी है. इसके लिए सीएम ने आग्रह किया है कि सामग्री भुगतान हर समय एक माह के भीतर जारी करने का प्रावधान किया जाए. इसी तरह पंचायत राज संस्थाओं को 14 वें वित्त आयोग अन्तर्गत प्राप्त होने वाली राशि में साल 2018-19 और 2019-20 की लगभग 300 करोड़ रुपए की राशि अभी तक नहीं मिला है, इसे भी जल्दी जल्दी जारी किया जाए.
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