Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद लगातार गहराता जा रहा है. आरक्षण संशोधन विधेयक (Reservation Amendment Bill) पर अनूसूचित जाति वर्ग नाराज हो गया है. तीन प्रतिशत की आरक्षण कटौती पर बीजेपी के एससी वर्ग (Scheduled Caste) के बड़े नेताओं ने राज्यपाल (Chhattisgarh governor) से मुलाकात की है और एक ज्ञापन सौंपा है. एससी वर्ग ने राज्य सरकार (Bhupesh Baghel government) पर छलपूर्वक आरक्षण घटाने का आरोप लगाया है. समुदाय ने राज्यपाल से फिर से विशेष सत्र बुलाकर 3 प्रतिशत घटे आरक्षण को बढ़ाने की मांग की है. आदिवासियों को मनाने के बाद अब एससी वर्ग की नाराजगी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है.
राजभवन पहुंचा बीजेपी डेलिगेशन
दरअसल शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में बीजेपी एससी मोर्चा के डेलिगेशन ने राज्यपाल से मुलाकात की है. इसमें 30 सदस्य राजभवन पहुंचे थे. इसमें 1 सांसद, 2 वर्तमान विधायक, 12 पूर्व विधायक, 2 पूर्व सांसद, बीजेपी एससी मोर्चा के पदाधिकारी समेत अनुसूचित जाति के बड़े नेता राजभवन पहुंचे थे. राज्यपाल को आरक्षण रोस्टर के बारे में डेलिगेशन ने एक ज्ञापन सौंपा. ये सभी बीजेपी से जुड़े नेता हैं, लेकिन आम जन में भी आरक्षण घटने का विरोध है.
क्या कहा SC समुदाय के नेताओं ने
राज्यपाल से मुलाकात के बाद एससी समुदाय के नेताओं ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग प्रदेश की कुल आबादी के एक बड़े भाग का प्रतिनिधित्व करता है. हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण संशोधन बिल पारित किया है. इसमें अनुसूचित जाति वर्ग को 13% आरक्षण का ही प्रावधान किया गया है जो कि अनुसूचित जाति वर्ग के ऊपर छलपूर्वक कुठाराघात है. इसके आगे उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 16% आरक्षण का प्रावधान किया जाए.
सरकार को हो सकता है नुकसान
बता दें कि आरक्षण कटौती से अनूसूचित जाति वर्ग की नाराजगी से सरकार को बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि अनुसूचित जाति वर्ग का वोट शेयर 13 प्रतिशत है और विधानसभा में 10 सीट का कोटा रिजर्व है. अनुसूचित जनजाति वर्ग के 7 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, 2 पर बीजेपी और एक सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में है. एससी वर्ग नाराज है और अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है.
बढ़ाया गया है आदिवासी आरक्षण
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 19 सितंबर से हाईकोर्ट के फैसले के बाद 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त कर दिया गया है. इसके बाद से राज्य में आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है. आनन-फानन में राज्य सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित कर दिया. बता दें कि सरकार ने आदिवासी आरक्षण 20 से 32 प्रतिशत कर दिया है और ओबीसी का 14 से 27 प्रतिशत कर दिया है. जनरल का 4 प्रतिशत और एससी का 16 से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया है.
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