Chhattisgarh News: FIR के बाद 'गालीबाज' कालीचरण ने जारी किया वीडियो, कहा- महात्मा गांधी को अपशब्द कहने का नहीं कोई अफसोस
खुद को संत कहने वाला कालीचरण, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकरअपशब्द कह रहा है. रायपुर के धर्मसंसद में बापू पर आपत्तिजनक बयान दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने कालीचरण के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए धर्म संसद पर बवाल अब भी जारी है. खुद को संत बताने वाले कालीचरण के खिलाफ एफआईआर होने के बाद अब कालीचरण ने एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में कालीचरण ने कहा है कि उसे इस बात का कोई अफसोस नहीं कि उसने गांधी के लिए अपशब्द कहे. बल्कि एक बार फिर कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सरदार पटेल के बजाय नेहरू को प्रधामंत्री बनने पर सवाल उठाया है. इतना ही नहीं महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं वंशवाद का जनक बोला गया है.
कालीचरण ने अपने यूट्यूब चैनल में 8 मिनट 51 सेकेंड का वीडियो जारी किया है
दरअसल खुद को कालीपुत्र बताने वाले कालीचरण ने रायपुर धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपशंब्द कहे थे. इसको लेकर 26 दिसंबर की रात कांग्रेस ने थाने शिकायत दर्ज कराई है और टीकरापारा थाने में कालीचरण के खिलाफ धारा 294 और 505 (2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया हैं. इसके बाद 27 दिसंबर देर रात कालीचरण ने अपने यूट्यूब चैनल में 8 मिनट 51 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया है. इसमें कालीचरण एक नोट बुक को देख-देखकर महात्मा गांधी को लेकर दिए बयान पर स्पष्टीकरण दे रहे है.
कालीचरण का महात्मा गांधी पर वंशवाद का आरोप
कालीचरण ने कहा कि, गांधी के बारे अपशब्द बोलने पर मेरे खिलाफ एफआईआर हुई है. मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है. देश के प्रधानमंत्री पद के लिए सरदार पटेल को वोट मिले थे और एक वोट भी नेहरू का नहीं था,तो भी नेहरू को प्रधानमंत्री क्यों बनाया. कालीचरण यहीं पर नहीं थमे उन्होंने कहा कि वंशवाद की जड़ फैलाने वाली गांधी ने गांधी कांग्रेस की अन्य प्रतिभाओं को कुंठित कर दिया. सरदार पटेल के हाथ में प्रधानमंत्री का पद होता तो भारत अभी सोने को चिड़िया होती और भारत अभी जगत गुरु होता. कालीचरण ने कहा कि अमेरिका से भी बड़ी पावर भारत बन जाता.ये विश्वासघात गांधी ने किया इस लिए मेरे हृदय में गांधी के लिए तिरस्कार है. कालीचरण ने कहा कि गांधी वंशवाद के जनक है राष्ट्रपिता नहीं.
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की फांसी रुकवा सकते थे गांधी
कालीचरण ने आगे कहा कि, आजादी की लड़ाई में स्वंत्रता सेनानी जो फांसी पर लटक गए उसमें 80 प्रतिशत सिख लोग है. गांधी ने एक लाठी तक नहीं खाई. वे सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह की फांसी रुकवा सकते थे. लेकिन उन्होंने नहीं रुकवाई, इसलिए मैं गांधी का तिरस्कार करता हूं.
विभाजन के लिए फिर महात्मा गांधी को जिम्मेदार ठहराया
कालीचरण ने कहा कि, गांधी का सबसे बड़ा हथियार अनशन करना था, लेकिन इन्होंने हिंदुओ के खिलाफ ही किया. बटवारा मेरे लाश पे होगा. लेकिन जब बंटवारा हुआ तब गांधी जिंदा थे. लाखो करोड़ो हिंदुओ को काट डाला गया उस हिंसा में एक ही दिन में 27 लाख लोगों को मार डाला गया. इधर गांधी अनशन पाकिस्तान को 55 करोड़ दिलाने के लिए कर रहे थे.
सरदार वल्लभ भाई पटेल को बनाना चाहिए राष्ट्रपिता
कालीचरण ने छत्रपति शिवाजी महाराज को राष्ट्रपिता बनाने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि, नफरत करता हूं मैं गांधी से, करोड़ो सालो से राष्ट्र है. दो सौ साल पहले आया व्यक्ति कैसे राष्ट्रपिता हो सकता है. अगर राष्ट्रपिता बनाना ही है तो छत्रपति शिवाजी महाराज को बनाना चाहिए. गोविंद सिंह महाराज को बनाना चाहिए, महाराणा प्रताप जी महराज को बनाना चाहिए. आचार्य चाणक्य को बनाना चाहिए. अभी के महापुरषों को बनाना है तो सरदार वल्लभ भाई पटेल को बनाना चाहिए.
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