Chhattisgarh News: पटवारी संघ के प्रदेशव्यापी हड़ताल से छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भी राजस्व का कामकाज पूरी तरह से ठप हो चुका है.  जिससे ग्रामीण,  किसान और छात्र काफी परेशान हो रहे हैं. दरअसल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी संघ पिछले 4 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए है. जिसके चलते सारे तहसीलों में राजस्व के सभी काम पूरी तरह से ठप हो चुके हैं. 


कई तहसीलों में सन्नाटा पसरा हुआ है, पटवारी संघ के हड़ताल में जाने से सीमांकन, नामांतरण आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र ,बंटवारा  सहित 10 से अधिक प्रकार के काम पूरी तरह से प्रभावित हो गए है, जिस वजह से तहसील आ रहे ग्रामीणों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है,वही पटवारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक उनका अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा.


8 सूत्रीय मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन
पटवारी संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार कश्यप ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने , सीनियरिटी के आधार  पर पदोन्नति देने और विभागीय नियमित परीक्षा, संसाधन एवं भत्ता, स्टेशनरी भत्ता, और मुख्यालय में निवास की बाध्यता खत्म करने और विभागीय जांच के बिना एफआईआर दर्ज नहीं करने जैसे 8 सूत्रीय मांगों को लेकर  आंदोलन कर रहे हैं.  जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक अपने आंदोलन में डटे रहने की बात कही  है.


मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है
वहीं पटवारियों की हड़ताल से सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के किसानों, स्कूली छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है. अपने जरूरी दस्तावेज बनाने के लिए किसान और स्कूली छात्र तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन पटवारियों के नहीं होने से  राजस्व का कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. बिना काम हुए ही ग्रामीणों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.  ग्रामीणों का कहना है कि पटवारियों की हड़ताल की जानकारी होने के बाद भी प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने तहसीलों में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है ,जिसके चलते दस्तखत से लेकर सीमांकन, नामांतरण, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं बन पा रहे हैं.


वहीं छात्रों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है, नए शिक्षा सत्र के लिए स्कूलों में एडमिशन शुरू होने वाली है और सभी जगह आय, जाति निवास मांगी जा रही है, लेकिन पटवारियों के हड़ताल की वजह से शासन के सभी योजनाओं से छात्र भी वंचित हो रहे हैं, लिहाजा ग्रामीणों ने प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है.


तहसीलों में नहीं है वैकल्पिक व्यवस्था
वही पटवारियों के हड़ताल पर जाने से खासकर  राजस्व विभाग का कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. हालांकि तहसीलदारों का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि ग्रामीण अंचलों से जरूरी दस्तावेज बनाने तहसील पहुंच रहे ग्रामीणों  को यहां से निराश ना जाना पड़े. लेकिन पटवारियों के हड़ताल पर जाने से जरूर तहसीलों में ग्रामीणों का सही समय पर काम नहीं हो पा रहा है,जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


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