Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र 73 के उपचुनाव की मतगणना की तैयारियां जिला प्रशासन द्वारा पूरी कर ली गई हैं. मतगणना जिला के बीज निगम परिसर स्थित हॉल में संपन्न होगी. काउंटिंग 16 अप्रैल यानि कल सुबह 8 बजे से शुरू होगी. सुबह सबसे पहले राजनीतिक दलों के एजेंट्स और अधिकारियों के सामने स्ट्रॉन्ग रूम का ताला खोला जाएगा. सबसे पहले डाक मतों की गिनती होगी.


कलेक्टर ने किया मतगणना स्थल का निरक्षण
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि मतगणना हॉल में कुल 14 टेबल लगाए गए हैं, जिनपर तीन-तीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. उन्होंने बताया कि मतगणना के कुल 21 राउंड होंगे. मतगणना हॉल में जिनकी भी ड्यूटी लगी है, वे मोबाईल लेकर नहीं जाएंगे. मतगणना के महत्वपूर्ण कार्य के लिए स्ट्रॉन्ग रूम से ईवीएम को सुरक्षित लाने और सुरक्षित वापस ले जाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.


इलेक्ट्रॉनिक सामान पर प्रतिबंध
मतगणना केंद्र के अंदर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा, लेकिन मीडियाकर्मियों के लिए मतगणना स्थल से कुछ दूर पहले ही मीडिया सेंटर में इलेक्ट्रॉनिक सामान लेने जाने की अनुमति रहेगी, जैसे कम्प्यूटर, फोन, इंटरनेट कनेक्शन, फैक्स की व्यवस्था की गई है. मतगणना स्थल में स्मार्टवॉच भी प्रतिबंधित है. मतगणना स्थल की हर गतिविधि की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाएगी. वहीं गर्मी को ध्यान में रखते हुए रिजर्व टीम रखी गई है.


उपचुनाव में 77.84% मतदान हुआ है
खैरागढ़ विधानसभा के लिए 12 अप्रैल को हुए मतदान में 77.84 फीसदी वोट पड़े थे. जिसमें 78.92 फीसदी पुरुष और 77.74 फीसदी महिला मतदाताओं ने मतदान किया है. यहां कुल मतदाता दो लाख 11 हजार 516 हैं. इसमें एक लाख 5 हजार 250 महिला और एक लाख 6 हजार 266 पुरुष मतदाता हैं. यानी कि दोनों की आधी-आधी हिस्सेदारी है. जबकि इनमें 80 वर्ष से अधिक 1612 और नए मतदाता 3752 हैं. जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 1011 और सर्विस वोटर 89 शामिल हैं


एक नजर पिछले विधानसभा चुनाव पर
2018 चुनाव की बात की जाए तो उस समय देवव्रत सिंह ने कांग्रेस से अलग होकर जोगी कांग्रेस की पार्टी से चुनाव लड़ा था और बीजेपी की ओर से कोमल जंघेल को हराया था. उस समय कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र से मात्र 31 हजार वोट मिले थे. जानकारों की मानें तो उस चुनाव में लोधी वोट बैंक के बंटवारे के चलते बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार दोनों पार्टियों ने खास वोट बैंक साधने की कोशिश की थी. अब देखना होगा कि जनता किसके पक्ष में वोट देती है.  


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