Chhattisgarh Rajya Sabha Election: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हो रहे चुनाव में पूर्व विधायक और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) (JCCJ) के उम्मीदवार डॉक्टर हरिदास भारद्वाज (Dr. Haridas Bhardwaj) का नामांकन बुधवार को खारिज कर दिया गया. विधानसभा के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने बताया, 'भारद्वाज का नामांकन जांच के बाद रद्द कर दिया गया.' शर्मा ने बताया, 'भारद्वाज का नामांकन पत्र प्रस्तावकों के मानदंडों को पूरा नहीं करता है.


विधानसभा के केवल तीन सदस्यों ने उनके नामांकन पत्र में प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए थे. जबकि नियमों के अनुसार उम्मीदवारों के नामांकन पत्र में कुल संख्या के 10 प्रतिशत या सदन के कम से कम 10 सदस्यों द्वारा प्रस्ताव किया जाना चाहिए.' उन्होंने बताया कि कांग्रेस (Congress) के दो उम्मीदवारों राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) और रंजीत रंजन (Ranjita Ranjan) के नामांकन वैध पाए गए हैं.


कांग्रेस ने राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन बनाया उम्मीदवार 


राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों द्वारा नाम वापस लेने की अंतिम तारीख तीन जून को अपराह्न तीन बजे तक है. भारद्वाज का नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा नाम वापस लेने की अंतिम तिथि को औपचारिक रूप से परिणाम घोषित किए जाएंगे क्योंकि अब मतदान की आवश्यकता नहीं होगी. राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में अपनी कम ताकत को देखते हुए राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. राज्य में इस माह रिक्त हो रही राज्यसभा की दो सीटों के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला को और पूर्व लोकसभा सांसद रंजीत रंजन को अपना उम्मीदवार बनाया है.


इधर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख अमित जोगी ने भारद्वाज के नामांकन रद्द करने को "अवैध" और "असंवैधानिक" कहा है. जोगी ने कहा है कि उनकी पार्टी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय जाएगी. जोगी ने कहा, 'उनकी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर हरिदास भारद्वाज का नामांकन गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके अपनाकर रद्द किया गया है. इसके जवाब में संविधान की धारा 226/7 के अंतर्गत जनता कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में राज्यसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने उच्च न्यायालय से गुहार लगाएगी.' अमित जोगी ने कहा, 'जनप्रतिनिधित्व कानून में प्रस्तावकों की संख्या के विषय में साफ उल्लेखित है कि यदि राज्यसभा प्रत्याशी निर्दलीय है.


उस प्रत्याशी के लिए विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या के 10 फीसदी विधायक प्रस्तावक होने चाहिए. और यदि राज्यसभा प्रत्याशी चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल का हो तब उसके सम्बंधित दल के विधायकों की कुल संख्या के 10 फीसदी विधायक प्रस्तावक होने चाहिए.' उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के संदर्भ में, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) चुनाव आयोग द्वारा एक मान्यता प्राप्त दल है और उसके कुल विधायक यानि तीन विधायकों में से 10 फीसदी विधायकों यानी केवल एक विधायक प्रस्तावक के रूप में होना चाहिए.


तीन विधायकों ने प्रस्तावक के रूप में किए हस्ताक्षर 


जेसीसीजे के प्रत्याशी हरिदास भारद्वाज के नामांकन में जेसीसीजे के तीनों विधायकों ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं यानि पार्टी के सौ फीसदी विधायक प्रस्तावक बने थे. इसलिए प्रस्तावकों की संख्या के आधार पर डॉक्टर हरिदास भारद्वाज का नामांकन रद्द करना पूर्णतः गैरकानूनी और असंवैधानिक है.' छत्तीसगढ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक हैं. जबकि भाजपा के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) तीन और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दो विधायक हैं.


छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की पांच सीटें हैं जिसमें से छाया वर्मा (कांग्रेस) और रामविचार नेताम (भाजपा) का कार्यकाल अगले माह समाप्त हो रहा है. वहीं राज्य के तीन अन्य राज्यसभा सदस्य कांग्रेस के केटीएस तुलसी और फूलोदेवी नेताम तथा भाजपा की सरोज पांडेय है.


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