(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Raksha Bandhan: छत्तीसगढ़ की बहनों ने बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के लिए भेजी राखी, रिटायर्ड जवान कर रहे हैं मदद
Raksha Bandhan Special: छत्तीसगढ़ के हजारों बहनों ने इस साल 11 लाख 11 हजार 111 राखियां बॉर्डर में तैनात सैनिकों के लिए राखी भेज रहे है. इसे आर्मी के रिटायर्ड जवान ट्रक में लेकर जा रहे है.
Raksha Bandhan Special: देश की सीमाओं पर तैनात हमारे जवानों (Army) के लिए इस साल राखी (Rakhi) का त्योहार बहुत खास होने वाला है. इस साल भाई-बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) में जवानों की कलाई सुनी नहीं रहेगी. इसके लिए छत्तीसगढ़ से एक बड़ी मुहिम की शुरुआत की गई है. राज्य (Chhattisgarh) की हजारों बहनों ने बॉर्डर में तैनात अपने अनजान भाईयो के लिए 11 लाख 11 हजार 111 राखियां भेज रहे है. इन राखियों को लेकर जाने के आर्मी के रिटायर्ड जवानों ने बीड़ा उठाया है.
छत्तीसगढ़ से एक ट्रक राखी जवानों के लिए भेजी
दरअसल, छत्तीसगढ़ के गांव-गांव, शहर-शहर से बहने बॉर्डर में तैनात अपने भाइयों के लिए राखियां भेज रही हैं. इस मुहिम की शुरुआत राज्य के सेना से रिटायर्ड जवानों के संगठन ने किया है. उन्होंने बॉर्डर में तैनात जवानों तक 11 लाख 11 हजार 111 राखियां भेजने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए राज्य के अलग-अलग इलाकों से राखी समेटा जा रहा है. संगठन ने बताया कि बिलासपुर से रायपुर पहुंचने तक 6 लाख से अधिक राखियां जुटाई जा चुकी हैं. जवानों का ये ट्रक अलग-अलग शहरों में रुकते हुए राखियां लेते हुए आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचेगा. इसके बाद इन राखियों को देश के हर कोने में जवानों के पास भेजा जाएगा.
आर्मी हेडक्वार्टर जाएगा ये सभी राखियां
आर्मी के रिटायर्ड जवानों के संगठन ने बताया कि बिलासपुर से राखी लेकर हमारी टीम रायपुर पहुंची है. रायपुर के भारत माता चौक में बहनों ने ढेर सारी राखियां अपने भाइयों के लिए भेज रही है. इसके बाद राखियों से भरा हमारा ट्रक तय रूट चार्ट के अनुसार दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, डोंगरगढ़ होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे. इन राखियों को दिल्ली में स्थिति आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचाया जाएगा. वहां से अलग अलग सीमाओं के लिए राखियां लेकर प्रतिनिधि मंडल जाएंगे और इस यात्रा का समापन उधमपुर में होगा.
बॉर्डर में पंडित जी बनते है सैनिकों के लिए बहन
पूर्व सैनिक संगठन के सदस्य दिनेश मिश्रा ने एबीपी न्यूज को बताया कि ये राखियां देश के वीरांगनाओं ने बनाई है. हम सेना में थे तो देशभर से राखियां जाती थी.ये भावुक समय होता है क्योंकि हम मां बहन से दूर रहते है. अकेले रहने के दर्द को हम समझ सकते है. रक्षा बंधन पर हम मंदिर में जाते है और पंडित हम सब को राखियां बांध देते हैं. पंडित जी ही हमारे बहन बन जाते है. चाहे वो किसी भी धर्म का सब रखी पहनते है. जवानों के जज्बे को हम कभी कम नहीं होने देंगे. वहीं पूर्व सैनिक वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि अनेकता में एकता भारत की राष्ट्रीय एकता की विशेषता है. राखी का त्योहार पूरा देश मनाता है. इससे देश में राष्ट्रीयता का भाव होता है. किसी भी धर्म के लोग हो सब राखी भेजते है.
रायपुर की बहनों ने स्पेशल गाने के साथ विश किया रक्षा बंधन
रायपुर से राखी भेज रही बहनों ने राखियों के साथ बॉर्डर पर तैनात भाईयो के लिए स्पेशल गाना भी एबीपी न्यूज़ के माध्यम से भेजा है.बहनों ने कहा कि बहुत ज्यादा खुशी हो रही है. हम राखी भेज रहे है. हम जो राखी भेज रहे है ये राखियां हम बहनों का प्यार है. बहनों ने बॉर्डर के जवानों के लिए स्पेशल गाना भी गाया है. मेरे भैया. मेरे चंदा. मेरे अनमोल रतन . .तेरे बदले में जमाने की जमाने की कोई चीज मैं न लूं. इसके अलावा बहनों ने रिटर्न गिफ्ट की जगह सैनिकों से देश की सुरक्षा और अपनी सुरक्षा मांगी है.बहनों ने कहा कि एक युद्ध वाली जगह पर हमारे भाई खड़े लेकिन हम उनकी रक्षा के लिए रक्षा सूत्र भेज रहे है. आपकी छोटी बहन ये चाहती है भाइयों से देश की रक्षा के साथ खुद सलामत रहे है हम हर साल रखी भेजेंगे.
ये भी पढ़ें: Bastar: नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार पर सीएम बघेल का बयान, बोले- अगर वो संविधान पर विश्वास करें हम...'