Chhattisgarh: रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देशभर में अव्वल- सीएमआईए, रमन सिंह ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल
Raipur News: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के अनुसार पिछले 5 सालों में नौकरी ना मिलने से निराश होकर 45 करोड़ लोगों ने नौकरी तलाशना ही छोड़ दिया है
Raipur News: बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) देशभर में अव्वल स्थान पर है. नई रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में बेरोजगारी दर केवल 0.4 प्रतिशत है जबकि देश में बेरोजगारी दर प्रतिशत है. सीएमआईई ने यह रिपोर्ट जारी की है. लेकिन अब इसे लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. इस रिपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सवाल उठाए हैं, वहीं कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है.
अगस्त में बेरोजगारी दर केवल 0.4 प्रतिशत
दरअसल सीएमआईई ने अगस्त 2022 का बेरोजगारी दर जारी की है. इसमें देश के सभी राज्यों को शामिल किया गया है. आंकड़ों पर नजर डालें तो बिहार में बेरोजगारी दर 12.8 प्रतिशत, गोवा में 13.7 प्रतिशत, गुजरात में 2.6 प्रतिशत, हरियाणा में 37.3 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 7.3प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 32.8 प्रतिशत, कर्नाटक में 3.5 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 2.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई है.लेकिन छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के साथ रोजगार देने के मामले सबसे ऊपर है. सीएमआईई के रिपोर्ट के अनुसार मार्च औरअप्रैल महीने में 0.6 प्रतिशत, मई महीने में 0.7 प्रतिशत, जुलाई महीने में 0.8 प्रतिशत रही वहीं अगस्त में सबसे कम 0.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर बताया गया है.
रमन सिंह ने रिपोर्ट की विश्वनीयता पर उठाया सवाल
इन आंकड़ों की विश्वसनीयता पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर हाल ही में हुई चपरासी की भर्ती परीक्षा का हवाला देकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि देख रहे हो न विनोद! जिस प्राइवेट संस्था की विश्वनीयता ही नहीं है, उसके आंकड़ों पर भूपेश सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है! बेरोजगारी है ही नहीं तो फिर...प्यून के 91 पदों के लिए 2 लाख आवेदन कैसे आ गए?
कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरा
पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर पर सरकार की तारीफ की है. लेकिन बीजेपी के आरोपों को पलटवार करते हुए उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार को घेर लिया है. अयोग्य और निकम्मी मोदी सरकार के कारण देश में बेरोजगारी का 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के अनुसार पिछले 5 सालों में नौकरी ना मिलने से निराश होकर 45 करोड़ लोगों ने नौकरी तलाशना ही छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में 22.5 करोड़ युवाओं ने नौकरी के लिए फॉर्म भरे जिसमें से केवल 7 लाख लोगों को नौकरी मिल पाई है.
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