छत्तीसगढ़ में एग्रीकल्चर, डीएड-बीएड और फार्मेसी कॉलेजों में अटकी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है. आरक्षण विवाद के चलते राज्य में काउंसलिंग पर रोक लगी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने छात्रों को बड़ी राहत दी है. अब जल्द ही काउंसिलिंग के लिए उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से आदेश जारी हो सकता है. इसके बाद छात्रों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. दरअसल राज्य में मेडिकल को छोड़कर के सारे कोर्स की काउंसलिंग को रोक दिया गया है. इसके बाद सभी कोर्स के छात्रों ने सरकार और राज्यपाल से एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए गुहार लगाई. अब बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए काउंसिलिंग फिर से शुरू करने के लिए निर्देश दे दिया है. 


31 दिसंबर से काउंसिलिंग चालू करने के निर्देश


हाइकोर्ट के आदेश के बाद एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल उनएडेड कॉलेजेस आफ छत्तीसगढ़ के राजीव गुप्ता ने बताया कि फार्मेसी संस्थाओं की काउंसलिंग 31 दिसंबर से पहले शुरू करने का हाई कोर्ट की डबल बेंच ने आदेश दिया है. फार्मेसी के बाद एग्रीकल्चर के कोर्स के लिए भी 31 दिसंबर से पहले काउंसलिंग शुरू करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है. इसके अलावा अब बीएड और डीएड की काउंसलिंग भी तुरंत चालू करवाने का आदेश दिया गया है. अब जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग काउंसलिंग के लिए आदेश जारी कर सकती है.


इन कोर्स के एडमिशन प्रक्रिया पर रोक लगी थी


गौरतलब है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में बी.एस.सी. कृषि और बी.एस.सी. उद्यानिकी की पहले और दूसरे चरण की काउंसलिंग में आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिया जा चुका है. इसके बाद खाली सीटों के लिए पी.ए.टी. और 12वीं के आधार पर ऑनलाइन आवेदन 15 नवंबर तक मंगाए गए थे. इन आवेदनों को प्रवीण्यता के आधार पर 30 नवंबर तक प्रवेश दिया जाना था. लेकिन विश्वविद्यालय 18 नवंबर को काउंसलिंग प्रवेश प्रक्रिया में रोक लगा दी है.वर्तमान में प्राइवेट कृषि / उद्यानिकी कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या 605 है. जबकि प्रवेश के लिए लगभग 1600 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों ने काउंसलिंग शुल्क जमा कर ऑनलाईन आवेदन किया है, जो प्रवेश लेना चाहते हैं.


फार्मेसी में 5 हजार सीटें खाली हैं


इसी तरह प्रदेश में लगभग 46 बी फार्म., डी. फार्म. और एम. फार्मेसी के कॉलेज संचालित हैं. इसमें प्रवेश के लिए लगभग 26 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश परीक्षाएं दी थी और प्रदेश के कॉलेजों में इन तीन कोर्सों में 5000 सीटें खाली हैं. लेकिन लेकिन अचानक इनकी प्रवेश प्रक्रिया रोक दी गई हैं. इसके अलावा B.Ed और D.Ed में लगभग एक लाख अस्सी हजार विद्यार्थियों में भाग लिया था और इसकी भी 5000 से ऊपर सीटें खाली है इसकी काउंसलिंग को 17 अक्टूबर से रोक दिया गया था.


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