Bhanupratappur By Election: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण में कटौती को लेकर समाज का गुस्सा भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में दिखने लगा. यहां के सर्व आदिवासी समाज आरक्षण में कटौती को लेकर बहुत नाराज हैं. उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया अगर भानुप्रतापपुर चुनाव प्रचार के लिए आते हैं तो उन्हें यहां प्रवेश होने नहीं दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने पीएल पुनिया का बहिष्कार करने की बात कही. यही नहीं समाज के प्रमुखों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के लिए आदिवासी समाज भी अपने हर एक गांव के प्रत्याशी को इस चुनावी मैदान में खड़ा करेगा.


आदिवासी समाज के प्रमुख का कहना है कि आदिवासी समाज को केवल बस्तर में वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. कोई भी जनप्रतिनिधि उनके हित के लिए प्रयास नहीं कर रहा है. एक तरफ जहां 12 फीसदी आरक्षण में कटौती कर दी गई है तो वहीं दूसरी तरफ आदिवासियों के हितों के लिए कोई कार्य नहीं हो रहे. इसको लेकर कांकेर और भानूप्रतापपुर विधानसभा के सभी आदिवासी समाज के लोगों में काफी नाराजगी है. 


हर एक गांव से अपने प्रत्याशी करेंगे खड़ा


सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष जीवन ठाकुर ने कहा कि समाज का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है. भानुप्रतापपुर उपचुनाव में सर्व आदिवासी समाज की ओर से हर एक गांव से नामांकन फॉर्म भरा जाएगा. उन्होंने कहा कि भानुप्रतापपुर अभी हाल में छत्तीसगढ़ की राजनीति का हब बन गया. यहां बड़े-बड़े नेताओ का जमावड़ा लग रहा है. ऐसे में समाज चाहे 500 गांव क्यों ना हो हर गांव से अपना एक प्रत्याशी खड़ा करेगा. जिससे कोई भी राजनीतिक दल आदिवासियों का वोट फीसदी नहीं घटा सके. जीवन ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के नेता बस्तर में आकर कह रहे हैं कि समाज रहे या नहीं रहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस समाज को लेकर क्या सोचती है. 


जीवन ठाकुर कहा कि समाज ने यह निर्णय लिया है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया को सर्व आदिवासी समाज की ओर से बस्तर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर चल रहे प्रत्याशियों के नाम को लेकर भी समाज के लोगों ने कहा कि दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की जगह उनकी पत्नी की अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. समाज की ओर से कई लोगों ने दावेदारी की है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमें आरक्षण नहीं देगी तो हम भी वोट नहीं देंगे.


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