Chhattisgarh Road Accident: छत्तीसगढ़ में खून की प्यासी सड़कें, 4 महीने में करीब 2 हजार लोगों की मौत
Chhattisgarh Road Accident: छत्तीसगढ़ में सड़के खून से लाल हो रही है. ट्रैफिक नियम में कड़ाई के बाद भी सड़क हादसे में जान गवाने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है.
Chhattisgarh Road Accident: छत्तीसगढ़ में सड़के खून से लाल हो रही है. ट्रैफिक नियम में कड़ाई के बाद भी सड़क हादसे में जान गवाने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है.राज्य में पिछले 4 महीने में हुए सड़क हादसे पर एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस तैयार किया गया है. इसके मुताबिक करीब 2 हजार लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई है. इसमें से लगभग 70 प्रतिशत मृतक बाइक सवार थे. यानी रफ्तार की कीमत सर्वाधिक बाइक सवार ही अपनी जान से चुका रहे हैं.
4 महीने में 1986 लोगों की मौत
छत्तीसगढ़ के जिलों में सड़क दुर्घटनाओं, यातायात नियमों के उल्लंघन और सड़क दुर्घटना का डाटाबेस तैयार किया गया है. इसके अनुसार इस वर्ष जनवरी से अप्रैल के बीच 4 हजार 621 सड़क दुर्घटनाओं में 1986 लोगों की मौत हुई और 4 हजार 322 लोग घायल हुए है. सड़क दुर्घटनाओं में सवार्धिक जान युवाओं की गई है. क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार 1986 में अधिकांस मृतकों में आयु 20-35 वर्ष है.
इन जिलों में हो रही सर्वाधिक सड़क हादसे
इसमें भी सर्वाधिक मामले राजधानी रायपुर से सामने आए है. रायपुर जिले में 4 महीन में 699 सड़क दुर्घटनाएं हुई इसमें 207 लोगों की जान गई है और 496 घायल हुए है.अन्य जिलों की बात करें तो -राजनांदगांव- 118, रायगढ- 115, दुर्ग- 113, कोरबा- 97,बलौदाबाजार - 96, बिलासपुर - 95, महासमुंद जिले में 88 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई है.
रोड एक्सीडेंट में सर्वाधिक जान गवाने वाले बाइक सवार
रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है सफर के लिए सुबह का समय ज्यादा सुरक्षित है. क्योंकि जिन लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई है. वो घटनाएं दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच हुई है. रिपोर्ट के अनुसार 46.11 प्रतिशत मौत होने वाली दुर्घटनाएं इसी समय हुआ है. इसके अलावा ये भी रिपोर्ट चौकाने वाली सामने आई है कि इन दुर्घटनाओं में 69.84 प्रतिशत मोटरसाइकिल सवार थे, इसके बाद 13.68 प्रतिशत पैदल यात्री की मौत हुई है. 5.22 प्रतिशत कार जीप सवार, 3.29 प्रतिशत ट्रेक्टर सवार और 3.39 प्रतिशत सायकल सवारों की मौत हुई है.
रफ्तार का कहर मौत बनकर बरसा
अब सड़कों की बात करें तो जिलों की मुख्य सड़कें जिसमें ट्रैफिक पुलिस तैनात रहते हैं. वहां ज्यादातर मौत के मामले सामने आ रहे हैं. क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार नेशनल हाइवे में 29.76 प्रतिशत, राजकीय राजमार्ग 17.90 प्रतिशत और जिला मुख्य सड़क अन्य मार्गों में 52.33 प्रतिशत सड़क हादसे हो रहे है.हादसे के पीछे प्रमुख कारणों की बात करें तो रफ्तार का कहर मौत बनकर बरस रहा है. रिपोर्ट के अनुसार तेजी से वाहन चालन के कारण 64.96 प्रतिशत मौत हुई है. लापरवाही से 11.42 प्रतिशत और नशा, रॉन्ग साइड से वाहन चालन, मोबाईल का उपयोग, सड़क में मवेशी इन कारणों से सड़क हादसे में मौत हो रही है.
4 महीने में 4 करोड़ से अधिक रुपए का चालान
इधर सड़क हादसे को रोकने के लिए यातायत पुलिस ने पिछले 4 महीने में मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत 1 लाख 22 हजार 494 प्रकरणों में 4 करोड़ 33 लाख 72 हजार 700 रूपये का चालान वसूला है और लगभग 1100 से अधिक शासकीय, स्कूल बस, भारी वाहनों के चालकों को प्रशिक्षण दिया गया है. विशेषकर शासकीय वाहन चालकों को प्रशिक्षण उपरांत रोड सेफ्टी एम्बेसेडर का बैच एवं प्रमाण-पत्र देकर प्रेरित किया गया है.
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