Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं के रोकथाम और यातायात के नियमों का पालन कराने के लिए पिछले दिनों सचिव परिवहन एस. प्रकाश द्वारा संबंधित अधिकारियों की बैठक ली गई थी. अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के साथ नवा रायपुर स्थित मंत्रालय  में आयोजित इस बैठक में सुगम यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई.  इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब छत्तीसगढ़ में ‘सड़क सुरक्षा मितान‘ के रूप में एनसीसी, एनएसएस के साथ भारत स्काउट गाइड के कैडेट्स और छात्र-छात्राओं की सेवाएं भी ली जाएगी.


ज्यादा दुर्घटना वाले जिलों में होगी तैनाती
दरअसल, इसके तहत एनसीसी के 25 हजार कैडेटर्स, एनएसएस के एक लाख तीन हजार और भारत स्काउट गाइड के तीन लाख 25 हजार छात्र-छात्राओं की स्वयं सेवी सेवा का लाभ उठाया जाएगा.  इनमें अति दुर्घटनाजन्य सात जिलों रायपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, जांजगीर-चांपा के साथ ही अन्य जिलों में जन-जागरूकता कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और यातायात व्यवस्था में सहयोग के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के मदद के लिए  "सड़क सुरक्षा मितान" के रूप में उनकी सेवाएं लिये जाएंगे.  इस अभियान को शुरू करने के लिए 18 नवम्बर को तीन बजे प्रदेश के समस्त संबंधित जिला स्तरीय प्रभारी अधिकारियों की वर्चुअल बैठक ली जाएगी.


सड़क दुर्घटना दूर करने के लिए लिया गया निर्णय
बैठक के शुरुआत में लीड एजेंसी के अध्यक्ष संजय शर्मा के दिशा निर्देश में यूनिसेफ और आईडीटीआर द्वारा पावर पॉइंट का प्रस्तुतीकरण दिया गया.  छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत और घायल संबंधी आंकड़ों के साथ ही इसके कारणों और उपायों के बारे में बताया गया.  बैठक में इस दौरान सचिव भारत स्काउट गाइड रायपुर कैलाश सोनी ने पिछले बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश के 23 जिलों में लगभग 1500 छात्र छात्राओं द्वारा एक अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक आयोजित किये गये सड़क सुरक्षा संबंधी कैंपेन के बारे में बताया.  बैठक में इस कैंपेन की सराहना भी की गई.



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