Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में फिर शुरू होगा रोका-छेका अभियान, सीएम बघेल ने सभी कलेक्टरों को दिए ये निर्देश
Durg News: छत्तीसगढ़ में खेतों में लगे फसलों को बचाने के लिए रोका- छेका अभियान की एक बार फिर से शुरूआत होने जा रही है. सीएम बघेल ने सभी कलेक्टरों को इस बाबत निर्देश दिए हैं.
Durg Latest News: छत्तीसगढ़ सरकार मानसून आने से पहले पूरे छत्तीसगढ़ में रोका- छेका अभियान की शुरुआत करने जा रही है. यह अभियान 20 जून से शुरू होगी. इस अभियान के तहत खेतों में लगे फसलों को जानवरों से बचाने के लिए इसकी शुरुआत की जा रही है. सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों के कलेक्टर और पंचायत के अधिकारियों को इस अभियान को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए निर्देशित किया है.
खेती-किसानी से जुड़ी छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति की पुरानी परंपरा के अनुसार गांवों में आने वाले दिनों में फसल बुआई के पहले खुले में चराई करने वाले पशुओं से फसलों को बचाने के लिए इस वर्ष ‘‘रोका-छेका’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
खेतों में लगे फसलों को बचाने के लिए अभियान की शुरुआत
रोका-छेका अभियान के जरिए किसान और पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए नहीं छोड़ने का संकल्प लेंगे. ताकि फसलों को नुकसान न पहुंचे. पशुओं को घरों, बाड़ों और गौठानों में रखा जाएगा. और उनके चारे-पानी का व्यवस्था भी किया जाएगा. गांवों में गौठानों के बनने से रोका-छेका का काम अब और भी ज्यादा आसान हो गया है. गौठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी की प्रबंध की चिन्ता अब किसानों और पशुपालकों को नहीं है.गौठानों में इसका प्रबंध पहले ही किया गया है.
कलेक्टरों और जिला पंचायत अधिकारी को दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ के सभी कलेक्टर और जिला पंचायत के अधिकारियों को रोका छेका कार्यक्रम करने के लिए विशेष दिशा - निर्देश दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ के सभी कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को गौठानों में पशुओं की रखरखाव और उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ पशुपालकों और किसानों को अपने पशुओं को घर में बांधकर रखने के लिए, उत्साहित करने और गांव के चारागाह की व्यवस्था करने के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए हैं. 20 जून तक ग्राम स्तर पर इसकी बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.
20 जून से शुरू होगा यह अभियान
कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा गया है कि 20 जून तक ग्राम स्तर पर ग्राम सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणजन की बैठक आयोजित कर पशुओं के नियंत्रण से फसल बचाव का निर्णय ग्राम सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों द्वारा लिया जाए.
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